रांची : झारखंड ऐसा लगता है कि झारखंड को लूट घोटाले की छूट विरासत मे मिली हुई है। झारखंड में एक के बाद एक कई घोटाले सामने आते जा रहे है। वही एक बार फिर झारखंड विधानसभा के सदन में प्रस्तुत महालेखाकार की रिपोर्ट ने राज्य में व्याप्त लूट खसोट भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है। विगत कई वर्षों पूर्व अनाज घोटाला चारा घोटाला से लेकर ,अब अवैध खनन घोटाला, बालू घोटाला, जमीन घोटाला, शराब घोटाला मनरेगा घोटाले सहित कई घोटाले सामने आए है । वही अब राज्य में एक और बडा घोटाला सामने आया है, और वह घोटाला है, छात्रवृति घोटाला, विधवा पेंशन और वृद्धा पेंशन घोटाला..जिसमें कई बिचौलिए सहित सरकारी बाबू शामिल है। इसकी जानकारी एजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस मे खुलासे करते हुए जानकारी दी है। उन्होंने अपने पीसी के दौरान साफ करते हुए कहा कि राज्य में भारी घोटाले होने की बू आ रही है। इन मामलों पर जांच होनी चाहिए और जो दोषी पदाधिकारी है उनको सजा होनी चाहिए। झारखंड में जो घोटाला सामने आया है उसमें कहीं मुर्दे ‘वृद्धा पेंशन’ उठा रहे हैं तो कहीं पुरूष ‘विधवा पेंशन’ का लाभ ले रहे हैं। इतना ही नहीं सामाजिक सुरक्षा पेंशन में अनियमितता के साथ छात्रवृति योजना में भी बड़ी गड़बड़ी मिली है। इसके तहत जो छात्र छात्रवृति के पात्र है ही नहीं..उनके बीच भी छात्रवृति का वितरण कर दिया गया है। इसका बड़ा खुलासा CAG अनूप फ्रांसिस डुंगडुग की रिपोर्ट में हुआ है। वही इस पूरे मामले को लेकर झारखंड मानवाधिकार संगठन के प्रमुख मनोज मिश्रा ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मनोज मिश्रा ने इसे राज्य के लिए बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा है कि, इस पूरे मामले में निष्पक्ष और न्यायिक जांच होनी चाहिए। जिसके लिए मनोज मिश्रा द्वारा मुख्यमंत्री झारखंड राज्यपाल झारखंड और उच्च न्यायालय झारखंड के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। मनोज मिश्रा ने पूरे मामले के बारे में बताया कि CAG रिपोर्ट में सरकारी कर्मचारियों ने अपनी आय को छुपा कर अपने बच्चों के नाम से फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति प्राप्त की है, इतना ही नहीं पुरुषों को विधवा पेंशन दिया गया है, तथा अल्पसंख्यक को अनुसूचित जनजाति के नाम पर भी फर्जी निकासी की पुष्टि उक्त रिपोर्ट में की गई है। इसमें बड़े घोटाले की बू आ रही है। इसे सीबीआई से जांच कराकर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। होनी चाहिए।
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