सरायकेला : एनआईटी जमशेदपुर में आयोजित उद्योग-अकादमिक कॉन्क्लेव के तीसरे दिन सामाजिक-उद्योग प्रासंगिक विषय पर पैनल चर्चा हुई साथ ही विषयों और चुनौती वक्तव्यों पर एक हैकथॉन का आयोजन हुआ. आज का कार्यक्रम रतन टाटा को समर्पित था. जिसका विषय “भारत का विकास – झारखंड का विकास” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा और उद्योग के बीच एक सहक्रियात्मक गठबंधन बनाने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था. बता दें कि एनआईटी जमशेदपुर ने 15-17 नवंबर 2024 तक अपने दूसरे उद्योग-अकादमिक कॉन्क्लेव की मेजबानी की है. इस कॉन्क्लेव के अंतिम दिन में महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित हुए. कॉन्क्लेव के तीसरे दिन सामाजिक-उद्योग प्रासंगिक विषय पर पैनल चर्चा और विषयों और चुनौती वक्तव्यों पर एक हैकथॉन का आयोजन किया गया, जो कॉन्क्लेव के विषय “विकसित भारत-2047” की ओर ले जाएगा. “कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) और खनन कार्यों में पर्यावरणीय जवाबदेही” विषय पर पैनल चर्चा में उद्योग शिक्षा जगत के दिग्गज अमितांजन नंदी (कार्यकारी निदेशक, खनन, दामोदर घाटी निगम), पी.बी. सिन्हा (सलाहकार, FEURST Inc. फ्रांस), डॉ. एस.के. चौल्या (वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीआईएमएफआर), और डॉ. एन.के. मोहालिक (वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीआईएमएफआर) ने भाग लिया. यह पैनल चर्चा मुख्य रूप से वैश्विक स्तर पर और विशेष रूप से झारखंड में खनन में आर्थिक विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच अंतर संबंध पर केंद्रित थी. पैनलिस्टों ने खनन कार्यों में पर्यावरणीय जवाबदेही के लिए चुनौतियों और समाधानों, टिकाऊ प्रथाओं के लिए तकनीकी नवाचारों को अपनाने, पर्यावरणीय गिरावट की चिंताओं के साथ-साथ झारखंड में खनन के आर्थिक महत्व, जलवायु-सचेत नियमों और सामुदायिक अधिकारों के तहत खनन के भविष्य, सहमति और समावेशी खनन पर चर्चा की. यह कार्यक्रम खनन क्षेत्रों में आर्थिक और पारिस्थितिक प्राथमिकताओं को संतुलित करने के लिए स्थायी रणनीतियों और नीतियों को प्रोत्साहित करने वाले पैनल के विचारोत्तेजक योगदान के साथ संपन्न हुआ. वहीं दूसरे कार्यक्रम में सर्किट डिजाइन और सिमुलेशन हैकथॉन शामिल था. जिसे आईएसी 24 की छत्रछाया में वीएलएसआई सिस्टम डिजाइन (वीएसडी), बैंगलोर के सहयोग से आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम पद्म विभूषण स्वर्गीय रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित था, जो एक दूरदर्शी व्यक्ति थे. भारत के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से व्यक्तियों को सशक्त बनाना उनका उद्देश्य था.
इस आयोजन के लिए, पूरे देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों से 1651 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया था और प्रारंभिक शॉर्टलिस्टिंग के बाद, अंतिम दौर के मूल्यांकन के लिए 232 सर्किट डिजाइन रिपोर्ट प्रस्तुत की गईं. इन डिज़ाइनों की अंततः अंतिम दौर के लिए उद्योग के विशेषज्ञ सदस्यों और शिक्षा जगत के विषय विशेषज्ञों द्वारा जांच की गई. शीर्ष तीन प्रतिभागियों को एनआईटी जमशेदपुर में अपना काम प्रस्तुत करने के लिए बुलाया गया था. मुख्य अतिथि- प्रोफेसर अमित पात्रा, निदेशक, आईआईटी बीएचयू, सम्मानित अतिथि, उद्योग जगत से कुणाल घोष और जूरी सदस्य अनघा घोष (वीएसडी, बेंगलुरु) ने प्रतिभागियों का उनके काम के आधार पर मूल्यांकन किया. पहला पुरस्कार पटियाला (पंजाब) के संगेश एस, दूसरा पुरस्कार नलिनकुमार एस (बैंगलोर, कर्नाटक) और तीसरा पुरस्कार विष्णु वर्थिनी एस (कोयंबटूर, तमिलनाडु) को मिला. कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कुणाल सिंह एवं डॉ. चंद्रदीप सिंह थे. द्वितीय उद्योग-अकादमिक कॉन्क्लेव के समापन समारोह के दौरान, प्रोफेसर गौतम सूत्रधर ने संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने इस कार्यक्रम के सह-आयोजकों आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, आईआईटी भिलाई, आईआईटी पटना, एनआईटी अगरतला, एनआईटी अरुणाचल प्रदेश, एनआईटी मणिपुर, एनआईटी मिजोरम, एनआईटी नागालैंड, एनआईटी पटना और एनआईटी रायपुर के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की.