मुंबई : रविवार को महा विकास अघाडी (एमवीए) के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व एनसीपी (शरद पवार गुट) के सुप्रीमो शरद पवार और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के नेता उद्धव ठाकरे ने किया। दोनों नेताओं ने हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च किया, जिसमें बड़ी संख्या में समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। यह प्रदर्शन छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना के खिलाफ था, जिसे एमवीए ने महाराष्ट्र के गौरव और सांस्कृतिक विरासत पर हमला करार दिया। उन्होंने राज्य की मौजूदा सरकार को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र के इतिहास और संस्कृति का अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की मौजूदा सरकार इस मामले में लापरवाही बरत रही है और इसमें शामिल दोषियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है।
प्रदर्शन के दौरान शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने सरकार की नीतियों और प्रशासनिक कार्यशैली की आलोचना की और कहा कि महाराष्ट्र की जनता को इस तरह की घटनाओं के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। उन्होंने मांग की कि सरकार दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा सुनिश्चित करे। एमवीए के इस विरोध प्रदर्शन के दौरान भारी पुलिस बल तैनात था, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। इस प्रदर्शन के माध्यम से महा विकास अघाडी ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि वे राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।