प्रतीक सिंह दिल्ली : जोहानिसबर्ग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय घोष करते हुए कहा यह विकास का विकसित पल भारत के शंखनाद और जीत के प्रगति के चंद्रपथ पर चलने का जय घोष है।
मेरे प्यारे परिवारजनो! जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास रचते, बनते देखते हैं तो जीवन सफलता से धन्य हो जाता है। यह पल विकसित भारत के शंखनाद,नए भारत के जयघोष, मुश्किलों के महासागर को पार करने और जीत के प्रगति के चंद्रपथ पर चलने का है।यह पल 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने इतिहास रचे हैं। हर घर में उत्सव जश्न शुरू हो गया है। मैं सभी वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं, जिनकी वर्षों की अथक प्रयास मेहनत से भारत उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका। आज के बाद,से चांद से जुड़े मिथक, कथानक और कहावतें भी बदल जाएंगी। भारत में धरती को मां और चांद को मामा कहते हैं। कभी कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब वो दिन भी आएगा, जब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं। भारत बार-बार ये साबित कर रहा है स्काई इज नॉट द लिमिट। यह दिन हमें अपने संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाएगा। यह दिन इस बात का प्रतीक है कि.हार से सबक लेकर जीत कैसे हासिल की जाती हैl क्योंकि असफलता ही सफलता की कुंजी है।
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