बी.ए. हिंदी ऑनर्स के उत्तीर्ण विद्यार्थियों को ,दी गयी विदाई।

1 min read
Advertisements
Mukesh Jewellers

जमशेदपुर  :  स्नातक की डिग्री हासिल करना केवल एक पड़ाव है। यहाँ से नयी शुरुआत होती है।” आज एल.बी.एस. एम. कॉलेज के हिन्दी विभाग के द्वारा 2020-23 सत्र के स्नातक प्रतिष्ठा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए आयोजित, ‘विदाई समारोह’ को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य और अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष  मौसमी पॉल ने ये बातें कहीं। उन्होंने कबीर को उद्‌धृत करते हुए कहा कि ‘धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय। माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय ।’ जीवन में लक्ष्य निर्धारण करना और उसके लिए धैर्य के साथ कर्म करना और निरंतर प्रयासरत रहना जरूरी है।जीवन इंस्टेंट कॉफी नहीं है। कोई भी चीज में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।हिन्दी के विभागाध्यक्ष प्रो. पुरुषोत्तम प्रसाद ने कहा कि आज जूनियर्स सीनियर्स को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे शिक्षा के क्षेत्र में और ऊँचाई हासिल करें। दरअसल यह विदाई नहीं, बल्कि वर्गांतरण है। एल. बी. एस.एम कॉलेज में स्नातकोत्तर हिंदी की पढ़ाई शुरू होने वाली है। अब विद्यार्थी यहाँ से हिन्दी में एम.ए. कर सकते हैं।

समारोह का संचालन तिलकेश कुमार गोप और नैन्सी एक्का ने किया। पहले दीप प्रज्जवलन किया गया और माँ सरस्वती की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी। उसके बाद स्वागत गान हुआ। उत्तीर्ण विद्यार्थियों की ओर से डिंस्टिक्शन मार्क्स पाने वाली बासोरी सरदार ने संबोधित किया। पूजा बास्के ने जूनियर्स की ओर से उद्गार व्यक्त किये। भवानी महाकुड़ ने कविता पढ़ी। छात्राओं ने नृत्य भी प्रस्तुत किये। अनुज पूर्ति, जमुना सोरेन, सुनीता माहली, अर्चना बारला, निकीता तिग्गा, काजल हेम्ब्रम, राज लक्ष्मी मांझी आदि की सक्रिय भागीदारी रही। इस अवसर पर वाणिज्य विभाग के डॉ. डी. के. मित्रा ने कहा कि विद्यार्थी बहुत कुछ कर सकते हैं। उन्हें कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए। उन्हें कैरियर की दृष्टि से हिन्दी में उच्चतर अध्ययन को लक्ष्य बनाना चाहिए। बांग्ला विभाग की अध्यक्ष डॉ. संचिता भुईसेन ने कहा कि जूनियर्स द्वारा सीनियर्स की सम्मानजनक विदाई एक परंपरा बन रही है, यह अच्छी बात है। दर्शनशास्त्र के डॉ. दीपंजय श्रीवास्तव ने छात्रों को खुद को पहचानने और अपना नाम रोशन करने का सुझाव दिया।

गणित विभाग के अध्यक्ष डॉ. पी. के. गुप्ता ने कहा कि बी. ए. के बाद कैरियर के बहुत सारे रास्ते खुलते हैं। विद्यार्थी जितना परिश्रम करेंगे, उन्हें उतनी सफलता मिलेगी। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि विदाई समारोह को सम्मान समारोह कहा जाए। वाणिज्य विभाग के डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों में बहुत जान है। भूगोल विभाग के डॉ. संतोष कुमार ने अध्ययन पर एकाग्र होने और रसायन शास्त्र के अध्यक्ष अरविंद पंडित ने नॉलेज, स्किल और एटिट्‌यूड पर ध्यान देने का सुझाव दिया।

हिन्दी विभाग के डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि विदाई कभी भी संबंध विच्छेद नहीं होता, बल्कि कॉलेज में गुजारे गए दिन हमारी स्मृतियों के अनिवार्य हिस्से होते हैं। उनका हमारे जीवन और व्यक्तित्व पर प्रभाव होता है। उन्होंने रामदरश मिश्र, मंगलेश डबराल, गोरख पाडेय और योगेंद्र कृष्ण की कविताओं के हवाले से धैर्य, लगन और संवेद‌नशीलता जैसे गुणों की ओर विद्यार्थियों का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने ईशावस्य उपनिषद के श्लोक को उद्‌धृत करते हुए सत्य के संधान पर जोर दिया। इस मौके पर भौतिकी विभाग की सुस्मिता धारा, वनस्पति शास्त्र विभाग की डाॅ. जया कच्छप, दर्शन शास्त्र विभाग के प्रो. संतोष राम, मनोविज्ञान विभाग के डाॅ. प्रशांत और प्रो. प्रमिला किस्कू, वाणिज्य विभाग की डाॅ. रानी, अर्थशास्त्र विभाग की डाॅ. सलोनी रंजने, इतिहास विभाग के मोहन साहू और डाॅ. नुपूर राय भी मौजूद थे। विदाई वक्तव्य नैन्सी एक्का ने दिया। राष्ट्रगान के साथ समारोह संपन्न हुआ।

Share this post

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours