जमशेदपुर : झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन, झारखंड बैंक यूनिट की ओर से आज एचडीएफसी बैंक में चल रहे वेतन में विसंगतियों एवं सेवा शर्तों को लेकर आंदोलन से संबंधित प्रेस वार्ता एटक यूनियन द्वारा साकची कार्यालय में किया गया।
प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए बताया गया कि हमारे राष्ट्र में दो प्रकार के बैंक है, एक सरकारी बैंक और दूसरा निजी बैंक। सरकारी बैंको में साफ सफाई एवं सेनिटेशन का कार्य सुरक्षा गार्ड, ऑफिस बॉय, पैंट्री बॉय,एवं रनर बॉय के कार्य करने वाले मजदूर बैंक प्रतिष्ठान के स्थाई मजदूर होते हैं । उन्हें सम्मानजनक वेतन एवं अन्य सेवा शर्तों का लाभ मिलता है।वही दूसरी तरफ निजी बैंक में काम करने वाले साफ सफाई एवं सेनिटेशन मजदूर को हाउसकीपिंग बॉय कहा जाता है। इस कार्य को ठेका के माध्यम से करवाने पर प्रतिबंधित है। हाउसकीपिंग के नाम से श्रम विभाग में लाइसेंस लेकर इन कार्यों को करवाया जा रहा है । इसके अलावे सुरक्षा गार्ड को पूरे महीना 30 या 31 दिन कार्य करना पड़ता है। इन्हें अतिरिक्त कार्य का ओटी नहीं मिलता है। यूनियन ने झारखंड के एचडीएफसी बैंक में कार्य करने वाले इस तरह के ठेका मजदूरों का विवाद श्रम विभाग के उप मुख्य श्रमायुक्त धनबाद भारत सरकार के समक्ष पेश किए हुए हैं। जिसकी निराकरण अब तक नहीं हो पाया है। पूरे राष्ट्र में निजी बैंकों में इस तरह के काम करने वाले लाखों लाख मजदूर कार्यरत है। जो कि अधिकतर दलित आदिवासी एवं अन्य निम्न तबके के लोग हैं। जिसका आर्थिक शोषण हो रहा है । जिसे लेकर यूनियन ने भारतीय रिजर्व बैंक एवं मुख्य श्रम आयुक्त भारत सरकार नई दिल्ली को पत्र देकर निजी बैंकों के मजदूरों के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त करते हुए इन मजदूरों को परमानेंट कर्मचारी घोषित करने के लिए निर्देश प्रदान करने की मांग की गई है। अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए हम बाध्य होंगे ।
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