जमशेदपुर: सीनियर सिटीजन एवं दिव्यांगों को घर से ही वोट देने की सुविधा बहाल करने के साथ ही निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का प्रत्येक वर्ष रिपोर्ट कार्ड जारी किये जाने चाहिए, ताकि मतदाताओं के प्रति किसी भी जन प्रतिनिधि की जबाबदेही तय हो सके और उनकी मनमानी पर रोक लगायी जा सके |उक्त बातें उपायुक्त कार्यालय मे झारखण्ड मानवाधिकार संगठन जेएचआरसी द्वारा मतदाताओं के पक्ष मे राज्य निर्वाचन आयोग के नाम चार सूत्री मांग पत्र सौपने के क्रम संगठन प्रमुख मनोज मिश्रा ने पत्रकारों के बीच कहीं |उन्होंने कहा कि विगत चुनाव मे बुजुर्गो एवं दिव्यांगों को घर से वोट देने की व्यवस्था को तेलंगाना मे लागु किया जा चूका, जो काफ़ी सफल भी रहा |
तेलंगाना के तर्ज़ पर इसे झारखण्ड मे भी लागू किया जाना चाहिए, जिससे ना सिर्फ वोट का प्रतिशत बढेगा अपितु सम्बंधित वर्ग को भी काफ़ी आराम मिलेगा | उन्होंने बताया कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को मतदाताओं के प्रति जिम्मेवार बनाने के लिए उनका हर वर्ष रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाना चाहिए, जिससे जन प्रतिनिधि निरंकुश ना होने पाए, और फेल होने पर उन्हें वापस बुलाने का अधिकार मतदाता को मिल सके | उन्होंने बताया कि जेल मे बंद कैदी ज़ब चुनाव लड़ सकते है तो मतदान क्यों नहीं कर सकते है, उन्होंने इस दिशा मे निर्वाचन आयोग को गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है | ज्ञापन के अंत मे छलावा घोषणा पत्र एवं झूठे दावे करने वाले नेता अथवा दल के खिलाफ 420 के तहत मतदाता से चीटिंग करके वोट लेने का मामला चलाया जाने की मांग की गयी | मनोज मिश्रा ने सभी मतदाताओं से अपील करते हुए वोट देने के अधिकार का अधिकाधिक उपयोग करने के साथ जनप्रतिनिधि से विकास को लेकर सवाल उठाने की भी अपील की है | आज के कार्यक्रम मे मनोज मिश्रा के साथ किशोर वर्मा, रेणु दीदी, सालावत महतो, गुरमुख सिंह, अनीमा दास, डी एन शर्मा, जगन्नाथ महंती, मानव राय चौधरी, सुभश्री दत्ता, देवशीष दास, शंकर दत्ता, निखिल झा सहित काफ़ी संख्या मे सदस्य उपस्थित थे |
+ There are no comments
Add yours