चंपई सोरेन 12वें मुख्यमंत्री के रूप में लिया शपथ,चंपई को मिला झारखंड की पतवार, क्या कर पाएंगे कोल्हान का बेड़ापार

1 min read
Advertisements
Mukesh Jewellers

 

 

हरि शर्मा :  रांची , पिछले कई महीनो से झारखंड में हो रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बाद आखिरकार चंपई सोरेन को महा गठबंधन दल का नेता चुन लिया गया।जिनको शुक्रवार को 12 वें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई।साथ में कांग्रेस कोटे से पाकुड़ के काग्रेंस विधायक आलमगीर आलम के अलावे राजद के चतरा के विधायक सत्यानंद भोक्ता को भी मंत्री पद की शपथ ग्रहण कराया गया।बिहार से अलग होकर झारखंड वर्ष 2000 में अलग हुआ। जिसके बाद बाबुलाल मरान्डी पहले मुख्यमंत्री हुए।इसके बाद अर्जुन मुंडा, शिबु सोरेन,मधु कोडा़, रघुवर दास, हेमंत सोरेन, का नाम शामिल है। वहीं चंपई सोरेन 12वें व कोल्हान से चौथे मुख्यमंत्री के रुप में शपथ लिये।

चंपई को कांटो भरा ताज

झारखंड में जिस तरह से राजनीति उठा पटक चल रहा है।हेमंत सोरेन आर्मी जमीन घोटाले सहित तीन मामलों में ईडी किया गिरफ्त में है।वैसे परिस्थितियों में चपंई सोरेन की राह आसान नहीं लगता। हालांकि दिशुम गुरु शिबु सोरेन के करीबी व सरायकेला से छह बार झामुमो विधायक रहे चंपई पर महागठबंधन ने भरोसा जताया है। राज्य सरकार चलाने के अलावा विपक्ष के सामने डटे रहना चपंई सोरेन सरकार की बडी़ चुनौती होगी।

कोल्हान ने राज्य को दिया चौथा मुख्यमंत्री

झारखंड बनने के बाद राज्य को सबसे अधिक कोल्हान से ही मुख्यमंत्री बने है ।यह अलग बात है की गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ही अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था।नये आदिवासी मुख्यमंत्री चपंई सोरेन से कोल्हान के लोगों को काफी उम्मीदें हैं, चुकी वरिष्ठ झामुमो सह नेता प्रतिपक्ष चपंई सोरेन बेदाग छवि के नेता जिन पर अबतक किसी तरह के भष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं।लेकिन सवाल यह है की जिस परिस्थितियों में श्री सोरेन को कांटो भरा मुख्यमंत्री पद मिला है।कोल्हान के लिए क्या कुछ विकास की गंगा बहायेंगे।जिससे कोल्हानवासियों का नैया पार हो।

गठबंधन को बनाए रखना बडी जिम्मेदारी

मौजूदा गठबंधन सरकार को अपने सहयोगी दलों के विधायक को अपने साथ बनाये रखना भी एक बडी़ जिम्मेदारी है।क्योंकि कही ना कही हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद इस बात का डर सता रहा है की विपक्षी पार्टी एनडीए के द्वारा विधायक को तोडऩे की पुरजोर कोशिश करेंगे, ऐसे में सभी विधायकों पर नज़र बनाए रखना भी एक तरह से बडी चुनौती है।

Share this post

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours