Saraikela (संजीव मेहता): पिछले दिनों नगर निगम आदित्यपुर के द्वारा अमृत योजना से बनी पार्कों के रखरखाव को लेकर टेंडर निकालकर इसे विभिन्न एजेंसियों को ठेका दिया गया. इसी क्रम में वार्ड 17 स्थित प्रभात पार्क का ठेका भी दिया गया. अब ठेका लेनेवाली एजेंसियों ने पार्क के बाहर वर्षों से दुकान लगाकर रोजी रोटी चला रहे गरीब फुटपाथी दुकानदारों से एजेंसी के द्वारा रंगदारी वसूला जा रहा है.
जबकि नगर निगम प्रशासन के द्वारा रखरखाव करने के लिए एजेंसी को पार्क में बने सामुदायिक भवन और पार्क में घूमने टहलने के लिए एक शुल्क निर्धारित कर दिया है बावजूद इसके एजेंसी के द्वारा फुटपाथी दुकानदारों को तंग कर उनसे रंगदारी स्वरूप मोटी रकम की वसूली शुरू कर दी है. बता दें कि ठेका मिलते ही पहले एजेंसी ने सभी दुकानदारों को वहां से पार्किंग की बात कहकर हटवाया फिर बाद में वहां चल रहे करीब 10 फुटपाथी दुकानदारों से हर माह 7-7 हजार रुपए देने के शर्त पर दुकान स्थापित कराया और अब उसकी वसूली भी शुरू कर दी है. इधर फुटपाथी दुकानदारों से वसूली के मुद्दे पर नगर निगम प्रशासन चुप्पी साध रखी है जिसका लाभ एजेंसी के लोग उठा रहे हैं. दुकानदारों ने बताया कि उनका भयादोहन कर एजेंसी वाले हर माह मोटी रकम वसूल रहे हैं, चूंकि हमारी भी मजबूरी है. दुकान हट जाने से हमें परिवार के भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हो रही थी. लिहाजा हमलोगों ने 7-7 हजार रुपये देना मुनासिब समझा ताकि उनकी दुकान बची रहे और परिवार का भरण पोषण चलता रहे. अब सवाल उठता है कि क्या नगर निगम प्रशासन ने एजेंसी को गरीब फुटपाथी दुकानदारों से वसूली करने का निर्देश दिया है या वे अपने मन से दुकानदारों से रंगदारी वसूल रहे हैं.