एल. बी.एस.एम. महाविधालय ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शिक्षिकाओं और गैर शैक्षणिक कार्य से जुड़े सभी महिलाओं का किया सम्मान।

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जमशेदपुर: एल. बी.एस.एम. महाविधालय के वर्चुअल रूम में एन. एस.एस. के तीनो इकाई द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शिक्षिकाओं और गैर शैक्षणिक कार्य से जुड़े सभी महिलाओं का सम्मान समारोह का आयोजन किया, जिसका विषय था – “महिलाओं में निवेश : प्रगति में तेजी लाना”। सर्वप्रथम कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार झा , मुख्य अतिथि श्रीमती अरूणा मिश्रा और एन. एस. एस. के तीनो इकाई के समन्वयक डॉ. संचिता भुई सेन, प्रो.अरविंद पंडित और प्रो.विनोद कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत किया। इस दौरान प्राचार्य ने श्रीमती अरूणा मिश्रा को अंगवस्त्र और पौधा देकर सम्मानित किया।संचिता भुई सेन ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि नई कल्पनाओं और नई संभावनाओं के लिए समाज की संस्थाओं को कुछ ऐसे रचनात्मक काम हाथ में लेने चाहिए जिनमें युगीन समस्याओं के समाधान निहित हों। इस दृष्टि से महिला समाज का सशक्त और सचेतन बनना जरूरी है।वहीं प्राचार्य अशोक कुमार झा ने कहा कि वेदों में अर्धनारीश्वर की अवधारणा पुरुषों और महिलाओं के बीच किसी भी तरह के भेदभाव को बाहर करती है। यह पूर्ण अविभाज्य संबंध को इंगित करता है, क्योंकि कोई भी दूसरे के बिना कार्य नहीं कर सकता है।महिलाओं को भारत की प्रगति और विकास के वास्तुकार की भूमिका सौंपी जानी चाहिये, क्योंकि महिलाएं प्रबंधन की कला में निपुण होती हैं, वें बेहतर तरीके से एक साथ कई कामों को कर सकतीं हैं।उन्होंने कहा कि विश्व राजनीति में भी महिलाएं सत्ता के शीर्ष पदों पर थी, दिवंगत मार्गरेट थैचर 11 साल तक यूनाइटेड किंगडम की प्रधानमन्त्री रही।जर्मनी की चांसलर रही एंजेला मर्केल 16 सालों तक सत्ता में रही। फिनलैंड की सना मारिन जैसी अधिकांश महिलाएं काफी कम उम्र में सत्ता के शीर्ष पर पहुंची है।

वहीं मुख्य अतिथि श्रीमती अरूणा मिश्रा ने कहा कि महिलाओं की बेहतरी के लिए पुरुषों को भी बदलना होगा। उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आएं, इसके लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। साथ ही उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कुछ बातों को छात्रों से साझा किया।कार्यक्रम के दौरान कई प्रतियोगिता भी कराई गई जिसमे पोस्टर प्रतियोगिता में कल्पना टुडू, हेमा कारेत, और शंखों माडी । भाषण प्रतियोगिता में बबीता पूर्ति, हेमा कारेंत और सरस्वती विजेता घोषित हुई जबकि क्विज में हेमा कल्पना,दिलीप विजेता बनी।एन एन एस की वोलेंटियर हेमा कारेंत और बबीता पूर्ति ने मंच संचालन किया वहीं एन एस एस के समन्वयक प्रो. अरविंद पंडितने धन्यवाद ज्ञापन किया।इस मौके पर महाविद्यालय के प्राध्‍यापक प्रो . रितु, डॉ. शबनम परवीन, डॉ. मोसूमी पॉल, प्रो . प्रमिला किस्कू, प्रो. सलोनी रंजने, डॉ. रानी, प्रो. प्रीति कुमारी, प्रो. शिप्रा बोइपाई, प्रो. पूजा कुमारी गुप्ता, प्रो. सीमा कुमारी, प्रो. लुसी रानी मिश्रा, प्रो. जसमी सोरेन, प्रो. चंदन जायसवाल, , श्रीमती पुनिता मिश्रा, ज्योति परवा, प्रियंका कुमारी, ममता मिश्रा, अनामिका कुमारी, बाहा, बांगी, आझो इनके अलावा डॉ. डी.के.मित्रा, प्रो. विनोद कुमार, प्रो . पुरषोत्तम प्रसाद, प्रो . विजय प्रकाश, प्रो. मोहन, डॉ. सुधीर कुमार,डॉ . सन्तोष, डॉ. प्रशान्त तथा शिक्षकेत्‍तर कर्मचारी श्री सौरव कुमार वर्मा, श्री मिहिर डे, श्री विनय कुमार व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्‍थित थे।

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