नए कानून अभी लागू नहीं , केंद्र और यूनियन में बात- चीत के बाद हड़ताल खत्म कर, सुचारू रूप से चलेंगे बस ट्रक।

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प्रतीक सिंह नई दिल्ली: देश के विभिन्न राज्यों , जिलों मे नए हिट एंड रन कानून के विरोध में बस और ट्रक ड्राइवरों, द्वारा बेमियादी हड़ताल की जा रही है। देशभर में चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, बिहार, झारखंड समेत कई प्रदेशों में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के चलते हाहाकार मचा हुआ है। पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी गाड़ियों की कतारें लगी हुई हैं । देशव्यापी हड़ताल को देखते हुए केंद्र सरकार और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बीच बातचीत कर सुलह होने की बातें कही जा रही है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि अभी यह कानून लागू नहीं होंगे । वही ट्रांसपोर्ट संगठन के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि गृह सचिव ने हमें आश्वासन दिया है कि यह कानून अभी लागू नहीं होंगे। सरकार हमारे साथ है, बैठकर इस कानून की समीक्षा करेंगे। वहीं हड़ताल पर गए ड्राइवरो को काम पर लौटने को कहा गया है । हड़ताल का सबसे ज्यादा असर स्कूलों पर पड़ा है। स्कूलों ने अपने स्तर पर मैसेज भेजकर छुट्टी की जानकारी अभिभावकों को दे रहे हैं। कुछ स्कूलों ने छुट्टी की जगह ऑनलाइन क्लासेज की भी जानकारी दी है। डीजल की कमी के चलते बसों की आवाजाही ठप पड़ने से प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी यह निर्णय लिया। क्या है हिट एंड रन कानून के नियम। कुछ दिनों पहले संसद ने भारतीय न्याय संहिता को पास किया था। इसमें हिट एंड रन के मामले को लेकर नए कानून बनाए हैं।जिसमे मुख्यत: दो भाग हैं- पहला कि अगर कोई ड्राइवर के लापरवाही किसी की मौत का कारण बनता है, तो ये गैर इरादतन हत्या नहीं होगी। उसे 5 साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, अगर कोई ट्रक या डंपर या वाहन चालक किसी व्यक्ति को कुचल कर अधिकारियों को बिना सूचना दिए भाग जाता है, तो उसे अब 10 साल तक की जेल हो सकती है, और 7 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, घायल को अस्पताल पहुंचाने पर सजा में कुछ रियायत का प्रावधान भी किया गया है।

 

पहले थे ये कानून!

हिट एंड रन के लिए नए कानून बनने से पहले हादसा करने वाले ड्राइवरों के खिलाफ IPC की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाने), धारा 304ए (लापरवाही से मौत) और धारा 338 (जान जोखिम में डालने) के तहत केस दर्ज किया जाता था। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान था। कई बार ड्राइवर को आसानी से जमानत मिल जाती थी। हालांकि, अब नए कानून में अगर ड्राइवर किसी को कुचल कर फरार हो जाता है तो उसके खिलाफ धारा 104 (2) के तहत केस दर्ज होगा और 10 साल की जेल और जुर्माना भरना पड़ेगा । हुए समझौते संगठन और सरकार के बीच के बाद अब सभी मोटर ट्रांसपोर्टर बस के ड्राइवर ट्रक ड्राइवर हड़ताल खत्म कर वापस कार्य पर लौटेंगे।

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