रांची : झारखंड में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर 4 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। इससे पहले, 24 फरवरी को झारखंड हाईकोर्ट में भी इस मुद्दे पर सुनवाई निर्धारित की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी को मामले की सुनवाई के बाद भाजपा और राज्य सरकार को अलग-अलग निर्देश दिए थे। शीर्ष अदालत ने भाजपा को निर्देश दिया था कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में विपक्ष के नेता के रूप में अपने प्रतिनिधि को शामिल करे। अगर प्रतिपक्ष के नेता का चयन संभव नहीं है, तो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में से किसी एक को नामित करने को कहा गया था। हालांकि, डेढ़ माह बीत जाने के बावजूद भाजपा ने इस आदेश का अनुपालन नहीं किया।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर समिति की बैठक आयोजित कर मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पूरी करने का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। 4 मार्च की सुनवाई में अदालत को अपनी कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करनी होगी। वहीं, 24 फरवरी को झारखंड हाईकोर्ट में लोकायुक्त, जेपीएससी चेयरमैन और सूचना आयोग में नियुक्तियों को लेकर भी सुनवाई होगी। ज्ञात हो कि 2020 से राज्य सूचना आयोग में कोई भी सूचना आयुक्त नियुक्त नहीं है, जिससे आयोग की सभी कार्यवाहियां ठप पड़ी हैं और आम जनता को सूचना के अधिकार के तहत लाभ नहीं मिल पा रहा है।