राजनीतिक चक्रव्यूह में फंसा झारखंड का नगर निकाय चुनाव! निकट भविष्य में भी चुनाव हो पाना आसान नहीं, 2025 फरवरी तक भी टल सकते हैं चुनाव ।
रांची : झारखंड में नगर निकाय चुनाव लगातार किसी न किसी कारणवश टलते जा रहे हैं। पहले कोरोना के कारण चुनाव टले,फिर आरक्षण के मुद्दे पर इसे टाल दिया गया। सरकार मेयर और अध्यक्ष पद पर आरक्षण में रोटेशन खत्म कर जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने का फैसला कर निकाय चुनाव को राजनीति चक्रव्यूह में फंसा दिया है। जिससे नजदीक भविष्य में निकाय चुनाव होता झारखंड में टेढ़ी लकीर लगने लगी है। 22 दिसंबर को विधानसभा में नगरपालिका संशोधन विधेयक पास किया गया लेकिन इस पर सरकार राजनीतिक चक्रव्यूह में फंस गई है क्योंकि आरक्षण और उसके आवंटन का प्रावधान कुल सीटों के आधार पर तय होता है। भविष्य में जब निकायों की संख्या बढ़ेगी तो आरक्षित सीटों की संख्या और आवंटन के प्रावधानों को भी बदलना होगा। क्यों कि कोई भी सीट वर्ग विशेष के लिए हमेशा सुरक्षित नहीं रह सकता। इसको देखते हुए सरकार अब नया रास्ता बीच की तलाश रही है। यही कारण है कि विधानसभा से पास होने के कई दिनों के बाद भी इस विधेयक को राजभवन नहीं भेजा गया है। सूत्रों एवं जानकारों के अनुसार इस विधेयक पर राजभवन जरूर आपत्ति उठाएगा। इसे देखते हुए यह तय हो गया है कि निकट भविष्य में झारखंड में निकाय चुनाव संभव नहीं है । निकाय चुनाव लंबा खींचेगा संभवत निकाय चुनाव झारखंड में फरवरी 2025 के बाद हो सकते हैं।
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