रांची: झारखंड राज्य के विभिन्न जिले के विभिन्न अंचलो थानों में स्थानीय स्तर पर भू माफिया हावी हैं,और होते जा रहे हैं । जमीन,भू माफियाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अंचल और थानों का आशीर्वाद प्राप्त रहता है। सरकारी जमीन को बचाने के लिए, और हो रही जमीन विवाद में हत्याओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार द्वारा रांची राजधानी में कुछ दिन पहले ही हाई लेवल प्रशासनिक पदाधिकारी अंचल अधिकारी और थानों के साथ मीटिंग हुई है। जिसमें सख्त लहजे में अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार द्वारा हिदायत दी गई है कि जिस क्षेत्र में जमीन विवाद में हत्याएं होती है ,और सरकारी जमीनों का अतिक्रमण होता है।
उस क्षेत्र के थानेदार और अंचल अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए जिले से बाहर ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके बावजूद भी जमीन भू माफिया दलाल थाने अंचलों में अक्सर दिख ही रहे हैं। एक अधिकारी ने संवाददाता को नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि सरकारी जमीन अतिक्रमण करने वाले भूमाफियाओं पर अगर अंकुश नहीं लगा तो, आने वाले वक्त में सरकारी योजनाओं के लिए जमीन मिलना मुश्किल ही नहीं ,नामुमकिन हो जाएगा। राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर और अंचल स्तर पर सरकारी जमीनों को बचाने के लिए पदाधिकारी मीटिंग करते हैं। परंतु नतीजा जिस रूप में दिखना चाहिए ।वह नहीं दिख पा रहा है। पदाधिकारी के द्वारा कार्रवाई भी किए जाते हैं ।अतिक्रमण हटाए भी जाते है। परंतु जिस रफ्तार में भू माफिया गठजोड़ कर सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर रहे हैं । उस रफ्तार में कार्रवाई नहीं हो पा रहा है। अपर गृह मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने साफ लफ्जों में कहां है कि जमीन दलाल से जुड़े माफियाओं को चिन्हित कर, उनके ऊपर शिशिए लगाया जाए। उनके गुर्गे को आवश्यकता अनुसार थाने में हाजिरी लगवाई जाए ।इसके बावजूद भी अतिक्रमण जारी है। सरकारी भूमि की खरीद बिक्री में भू माफियाओं की सक्रियता को कम करने और उनके बीच हो रहे गंगवार को रोकने के लिए राज्य जिला और प्रखंड स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है। सरकारी योजनाओं के लिए सरकारी जमीन पर किए गए भूमाफियाओं द्वारा कब्जा हटाने को को लेकर कई बार प्रशासन को कड़ी मकसत करनी पड़ती है। क्योंकि गरीब लोगों को आगे कर भू माफिया धरना प्रदर्शन कराकर विवाद खड़ा कर देते हैं ,और सरकारी योजनाओं का काम अवरोद्ध हो जाता है । अगर वक्त रहते भूमाफियाओं पर अंकुश नहीं लगाया गया तो, आने वाले वक्त में सरकारी योजनाओं के लिए जमीन मिलना मुश्किल ही नही नामुमकिन हो जाएगा।