पटना : देश में होने वाले आगामी चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां पूरे अपनी सवाब और चरम पर है। शायद देश के बिहार ऐसा पहला राज्य होगा । जहां छुट्टियों को भी लेकर हिंदू मुस्लिम की चर्चाएं हो रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में इस बार साल 2024 के लिए एकेडमिक कैलेंडर लिस्ट जारी किया गया है। जिसमें हिंदू पर्व रामनवमी शिवरात्रि जन्माष्टमी रक्षाबंधन पर स्कूलों की छुट्टियां खत्म कर दी है। इसके अलावा मकर संक्रांति तीज विश्वकर्मा पूजा जितिया सहित दूसरे त्योहारों की छुट्टियों को भी खत्म कर दिया गया है। वही ईद और बकरीद पर तीन- दिन का अवकाश देते हुए बढ़ा दिया गया है । जिसको लेकर बिहार के राजनीति में घमासान मचा हुआ है। गांधी जयंती ,मजदूर दिवस की छुट्टी भी खत्म कर दी गई है। नए एकेडमिक कैलेंडर लिस्ट में गर्मी की छुट्टियां सिर्फ छात्रों को ही दी गई हैं। शिक्षक, प्रधानाध्यापक और दूसरे कर्मियों को स्कूल आना होगा। वो जरूरी शैक्षणिक कार्य और ऑफिस वर्क कंप्लीट करेंगे। शिक्षा विभाग ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में रविवार की छुट्टियों की जगह शुक्रवार को सरकारी छुट्टी घोषित किया है।
जिसको लेकर राज्य में सियासी बवाल और घमासान मचा हुआ है
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सुशील मोदी, अश्विनी चौबे समेत बीजेपी के दिग्गजों ने छुट्टियों पर सवाल खड़े किए है। क्या अब छुट्टियां भी बिहार में हिंदू मुस्लिम हो गई है। सीएम नीतीश के इस फैसले को मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति करार देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। बिहार में छुट्टियों पर खूब राजनीति और चर्चाएं हो रही है। चौक चौराहे सहित लोगों के जुबान पर यह चर्चाएं पूरे तेजी से हो रही है, कि क्या बिहार में अब छुट्टियां भी हिंदू मुस्लिम हो गई है । जिसको लेकर खूब चौक चौराहे पर चर्चाएं हो रही ।
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