रांची : झारखंड के प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को बनाए जाने को लेकर विवाद खड़े हो गए हैं। स्थाई डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटाकर प्रभारी डीजीपी के रूप में अनुराग गुप्ता को कुछ दिन पहले ही झारखंड के डीजीपी बनाया गया है। जिसको लेकर नरेश मखानी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में नियमों का उल्लंघन कर अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाए जाने के विरुद्ध याचिका दायर किया है। जिससे राज्य के प्रशासनिक एवं राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा हुआ है।राज्य सरकार द्वारा स्थाई डीजीपी अजय कुमार सिंह को अचानक हटाने और अनुराग गुप्ता की नियुक्ति करने पर सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर की गई है । इस संदर्भ में नरेश मखानी ने अवमानना याचिका दायर की है।जिसमें आरोप लगाया गया कि झारखंड सरकार ने शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड के मुख्य सचिव एल खियांग्ते और नए प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को नोटिस जारी किया है। अदालत ने दोनों से दो हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होनी है। याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा कि झारखंड सरकार ने प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है। जिसमें पुलिस नियुक्तियों को लेकर सख्त नियम तय किए गए है। उन्होंने अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को अनुचित ठहराते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है। यह मामला राज्य की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में उथल-पुथल का कारण बन गया है, और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।जिससे झारखंड सरकार के इस फैसले की वैधता तय होगी।