रांची : निर्मल महतो कुडमि भवन राखा आसनतलिया मे आदिवासि कुडमि समाज के द्वारा काला दिवस (ब्लेक डे) मनाया गया, क्योकि आज के दिन 6 सितंबर 1950 को कुडमि समुदाय के साथ बहुत बडा़ अन्याय हुआ ।तत्कालिन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने छोटानागपुर क्षेत्र के कुडमि जनजाति को एक षडयंत्र के तहत अनुसूचित जनजाति से बाहर रखा ।
1931 की जनगणना मे कुल 13 प्रिमिटिब ट्राइब थे जिसमें से एक कुड़मि भी शामिल था। 6 सितंबर 1950 मे जब सभी प्रिमिटिब ट्राइब को सिड्यूल ट्राइब का गठन कर सुचिबद्ध किया जाने लगा तब हमें (कुडमि) जनजाति को छोड बाकी सभी 12 ‘जनजातियों को सूचिबद्ध किया गया। शासन मे भागिदारी से वंचित व अभागा कुडमि समुदाय ने अपनी व्यथा सबके पास रखी पर सब व्यर्थ रहा डा.ह्हदयनारायण कुंजरु एवं 15 अन्य संसदों ने 17/12/1950 को इस संबंध मे भारत सरकार के प्रधानमंत्री को स्मार-पत्र लिखा जिसके स्पष्टिकरण 15 फरवारी 1951 के एक पत्र मे दिया गया कि संविधान के अनुच्छेद 342 के आलोक ने उन समुदायों को जिन्हे 1931 की जनगणना रिपोर्ट मे जाति से अलग प्रिमिटिब ट्रायिब के रूप मे चिन्हित किये थे उन्हें अनुसुचित जनजाति की सुचि मे सामिल किया जायेगा ।आज हम केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि 1931 की जनगणना कि रिपोर्ट के आधार पर कुडमि जनजाति को पूनः सूचिबद्ध किया जाए ।इस मौके पर प्रदेश संगठन सचिव सजीव महतो, जिला कोसाध्यक्ष उमेश महतो ,चक्धरपुर प्रखण्ड अध्यक्ष खगेश्वर महतो,प्रखंड सचिव शंभु चरण महतो ,बंदगाव प्रखण्ड अध्यक्ष शैलेश महतो , लाल मोहन महतो रवि महतो , अजय महतो, गिरधारी महतो, विनोद महतो , अजित महतो, इन्द्रजित महतो , अजय महतो आदि उपस्थित थे ।