जमशेदपुर: जमशेदपुर के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में फेल करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।ऐसा एक मामला जमशेदपुर के बर्मामाइंस स्थित केरला पब्लिक स्कूल का आया है।जहां नवीं और दसवीं के 70 से 80 बच्चों को री टेस्ट में फिर से फेल कर दिया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पिछली बार फाइनल परीक्षा में जो तीन चार अंको से फेल किया गया था री टेस्ट में भी उसी अंक को मार्कशीट में इंगित किया गया है।जिसे लेकर बच्चों के अभिभावक सहित छात्र संघ में आक्रोश है। वहीं ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन एवं युवा समिति के हेमंत पाठक के नेतृत्व में बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल के प्रिंसिपल से मिलने पहुंचे।लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी जब प्रिंसिपल उनसे मिलने नहीं आई तो नाराज अभिभावकों ने स्कूल के मुख्य गेट के समक्ष जमकर प्रदर्शन किया। और कहा कि अगर फेल करना ही था तो फिर री टेस्ट क्यों लिया गया।जबकि मुख्य परीक्षा और री टेस्ट दोनों के लिए स्कूल ने पैसे वसूले है होना यह चाहिए था। कि टेस्ट में बच्चों को मोटिवेट करते हुए उन्हें और अच्छी से पढ़ाई करने का नसीहत देते हुए उन्हें प्रमोट कर देना चाहिए था। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और मुख्य परीक्षा के जो अंक थे उसे ही रिसेट के मार्कशीट में भी इंगित कर दोबारा से फेल कर दिया गया।वहीं हेमंत पाठक का ने आरोप लगाया कि यह पूरा खेल पैसों का है क्योंकि बच्चों को फेल कर दिया जाए तो अभिभावक मजबूरन वश मोटी रकम देकर बच्चों के भविष्य के लिए समझौता कर लेंगे। यही कारण है स्कूल इस तरह का हथकंडा अपना रहा है।
लेकिन इसमें बच्चों का भविष्य दांव में लग गया है। क्योंकि दो बार फेल कर देने बाद अब इनका एडमिशन दूसरे किसी भी स्कूल में नहीं होगा।ऐसे में अभिभावक अक्रोशित है।वहीं यूनियन बच्चों के भविष्य के सामने प्रबंधक के अनदेखी रवैए के खिलाफ स्कूल गेट में ताला जड़ने पर मजबूर होने की बात कही है।
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