रांची : झारखंड की राजनीति में हर सेकंड पावर गेम का पावर दखल बढ़ता जा रहा है। पक्ष विपक्ष अपनी राजनीतिक स्वार्थ के, हथकंडे के लिए पावर गेम का खेल, खेेल रहे है।रांची : झारखंड की राजनीति में पल पल बदलती राजनीतिक समीकरण के बीच तेजी से पावर गेम का दखल भी बढ रहा है। झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कहते हैं कि झारखंड का शराब घोटाला, छत्तीसगढ़ और दिल्ली से भी बड़ा है। तो वही सूत्रों के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा कहता है कि कुुछ दिन के बाद वह शराब घोटाले में एक बड़ा खुलासा करेगा। इधर, रघुवर दास को उड़ीसा का राज्यपाल बनाए जाने के बाद झारखंड की राजनीति कई मायने में रंग बिरंगी हो गई है। चर्चाओं के अनुसार कई तरह के कयास और चर्चा चल रहे हैं। इस बीच एसीबी ने रघुवर मंत्रिमंडल के पांच मंत्रियों के खिलाफ सबूत जुगाड़ करने की कार्रवाई भी तेज कर दी है।
झारखंड की राजनीति में हर मिनट, हर सेकंड पावर गेम का दखल भी बढ़ रहा है। वही, जमशेदपुर में विजयादशमी उत्सव के दिन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय साथ-साथ दिखे। दोनों में कुछ देर तक बातचीत भी हुई। जो चर्चाओं में है। महाष्टमी के दिन आरएसएस की ओर से जमशेदपुर में विजयादशमी उत्सव मनाया गया था।अर्जुन मुंडा और सरयू राय जिस तरह मिले और बातचीत की, फिर तो इसके मतलब निकालने वाले अपने अपने ढंग मायने निकलने लगे है, और तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी है। इधर, एंटी करप्शन ब्यूरो ने भाजपा विधायक दल के नेता अमर बाउरी सहित पूर्व के पांच मंत्रियों रणधीर कुमार सिंह, डॉक्टर लुईस मरांडी, डॉक्टर नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ जांच की कार्रवाई तेज कर, सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार उनके परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई संपत्ति का डिटेल्स भी जुटाया जाने लगा है। जिससे झारखंड की राजनीति में पावर गेम का दखल और खतरा बढ़ते जा रहा है। सभी जिलों के निबंधन कार्यालय में जमीन, फ्लैट के कागजात खंगाले जा रहे हैं। इस संबंध में सभी जिलों के निबंधन कार्यालय को पत्र भेजा गया है। झारखंड के दूसरे जिलों में भी खरीदी गई संपत्ति का डिटेल्स जुटाया जा रहा है। राज्य सरकार ने 26 जुलाई को मंत्री परिषद की बैठक में इन पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच की स्वीकृति दी है।पांचो मंत्रियों पर रघुवर दास के शासनकाल में मंत्री रहते हुए वर्ष 2014 से 19 के बीच आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप लगा है। कुछ पूर्व मंत्रियों पर तो आय से बहुत अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। ACB ने पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अलग-अलग प्रिलिमनरी इंक्वारी दर्ज की है । प्रत्येक के लिए अलग-अलग डीएसपी को जांच पदाधिकारी बनाकर जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें पूर्व मंत्रियों के खिलाफ लगे आरोपों से संबंधित पूरे कागजात, सबूत जुटाने को कहा गया है। इसलिए जमीन, फ्लैट और निवेश की जानकारी जुटाई जा रही है।सूत्रो के अनुसार कुछ पूर्व मंत्रियों के खिलाफ सबूत जुटा लिए गए हैं, और कुछ के खिलाफ जुटने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।