रांची : झारखंड के हर हलचल, घटनाक्रम, और राजनीति पर केंद्र की निगाहें बनी हुई है।
पल-पल की जानकारी केंद्र द्वारा झारखंड के राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़े ली जा रही है। झारखंड में बदलते घटनाक्रम और पल-पल बदलते समीकरण के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी विगत कई घंटो से खाली है। मुख्यमंत्री द्वारा इस्तीफा दिए जाने और ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से झारखंड के मुख्यमंत्री के कुर्सी खाली है। जिसे लेकर कई तरह के राजनीतिक एवं प्रशासनिक गलियारों में चर्चाएं चल रही है। विधायक दल के नेता चंपई सोरेन द्वारा 43 विधायकों के समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिए गए हैं ,और राज्यपाल द्वारा उन्हें बुलाने के आश्वासन दिए गए हैं । इस बीच कई घंटो का समय बीतने के बावजूद भी बुलाहट नहीं आने पर विधायकों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। कानून के जानकारो के अनुसार राज्यपाल द्वारा इस्तीफा स्वीकार करने के बाद, तत्काल कदम उठाते हुए राज्यपाल को किसी को केयरटेकर के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी दिए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली होने से राज्य बिन मुख्यमंत्री के है, और राज्य में सस्पेंस की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार विधायक भी राज्यपाल से पुन: मिलने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। वही सूत्रों के अनुसार झारखंड की हर राजनीतिक हलचल पर केंद्र की निगाहें बनी हुई है, और पल-पल की जानकारी ली जा रही है।
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