सरायकेला : झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर केवीपीएस स्कूल गम्हरिया में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, जिन्हें मणिकर्णिका के नाम से भी जाना जाता है वे 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अहम भूमिका के लिए जानी जाती हैं. उनका जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी में हुआ था. मराठा परिवार में जन्मी मणिकर्णिका न केवल साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति थीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक अमिट नाम भी थीं. ये विचार सरायकेला के केवीपीएस गर्ल्स स्कूल में आयोजित “मणिकर्णिका एक निरंतर दौड़ देश के नाम” कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बिरसानगर, जमशेदपुर की 12वीं कक्षा की छात्रा सुश्री मनुश्री ने व्यक्त की।
इस कार्यक्रम में छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विभिन्न गतिविधियों जैसे प्रश्नोत्तरी, कविता पाठ, और निबंध लेखन में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. प्रश्नोत्तरी का संचालन हरप्रीत कौर ने किया, जबकि गम्हरिया की छात्रा पालक सिंह ने पूरे कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन किया. कविता पाठ छात्रा गीता कुई द्वारा प्रस्तुत किया गया, और संध्या बारीक, खुशी प्रधान, रोशनी कुमारी, राखी साहु, पायल बारी, एवं आशा परिहारी ने प्रेरणादायक निबंध प्रस्तुत किए. सामूहिक गीत का नेतृत्व 12वीं कक्षा की छात्रा त्रिसा ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की प्रभारी शिक्षिकाओं मीनाक्षी रजक, अनिता प्रसाद, सुधा प्रजापति, और हरप्रीत कौर द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई. विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री नारायण ने अपने आशीर्वचनों से छात्राओं को प्रेरित किया. अंत में तरुणी प्रमुख अनीता प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस प्रेरणादायक आयोजन में लगभग 250 छात्राओं ने भाग लिया. कार्यक्रम में अपर्णा सिंह और भारती सिंह की विशेष उपस्थिति ने इसे और अधिक गरिमामय बनाया.