रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में आपराधिक और आर्थिक पृष्ठभूमि वाले कई उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। झारखंड इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, 148 उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से 122 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं। एडीआर की रिपोर्ट में प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की स्थिति भी स्पष्ट की गई है। भाजपा ने सबसे अधिक 32 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिनमें से 14 यानी 44 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक मामलों से घिरे हैं। कांग्रेस के 12 में से 5 (42 प्रतिशत), झामुमो के 20 में से 5 (25 प्रतिशत), बसपा के 24 में से 8 (33 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने भी अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है। गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे उम्मीदवारों में आजसू पार्टी के 67 प्रतिशत प्रत्याशी और राजद के दोनों प्रत्याशी शामिल हैं। भाजपा के 32 में से 12 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं। बसपा, झामुमो, और कांग्रेस के उम्मीदवारों पर भी गंभीर मामले हैं, जिससे मतदाताओं में इस विषय पर चिंता बढ़ी है। इसके अतिरिक्त, 148 दागी उम्मीदवारों में से 12 ने अपने खिलाफ महिलाओं पर अत्याचार से जुड़े मामलों की जानकारी दी है, जिनमें एक प्रत्याशी पर बलात्कार का मामला दर्ज है और तीन उम्मीदवार हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं। वहीं, 34 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं।
इन चुनावी प्रत्याशियों में आर्थिक रूप से मजबूत करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या भी अधिक है। एडीआर ने बताया कि दूसरे चरण में 127 करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं, जो चुनाव में धनबल का प्रभाव भी दर्शाता है। यह स्थिति झारखंड की राजनीतिक परिस्थिति में आपराधिक पृष्ठभूमि और धनबल के बढ़ते प्रभाव की ओर संकेत करती है, जिससे लोकतंत्र की शुचिता और सार्वजनिक विश्वास पर प्रश्नचिह्न खड़े होते हैं। चुनावों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों की बड़ी संख्या से यह संकेत मिलता है कि आपराधिक छवि और धनबल का प्रभाव झारखंड में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। जनता के सामने ऐसे उम्मीदवारों का चुनाव करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जो सार्वजनिक सेवा के मूल्यों को सर्वोच्च मानते हों।