पटना: पटना में 1 अक्टूबर से नहीं चलेगी डीजल बस की गाड़ियां। पटना नगर निगम फुलवारीशरीफ खगोल और दानापुर नगर परिषद क्षेत्र में चलने वाली डीजल बसों को 14 दिनो के भीतर सीएनजी में कन्वर्ट करा लेना का आदेश दिया गया है। 1अक्टूबर से डीजल बस चलाने पर कार्रवाई करते हुए डीजल बस को जप्त किए जाएंगे। 30 सितंबर के बाद पटना में डीजल बसो के परिचाल पर पूर्णत: रोक लग जाएगी। विगत वर्ष में ही कैबिनेट ने 2019 में ही निर्णय किया था कि पटना नगर निगम क्षेत्र के साथ ही दानापुर खगौल और फुलवारीशरीफ में 31 जनवरी 2020 से डीजल वाली गाड़ियों का परिचालन बंद हो जाएंगे। लेकिन इसे 31 मार्च 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। इसके बाद 30 सितंबर की नई तारीख तय की गई। इसके बाद 31 मार्च 2022 तक की समय दी गई । ताकि लोग अपनी डीजल गाड़ियों को सीएनजी में कन्वर्ट कर सके। डीटीओ श्री प्रकाश ने कहा कि 30 सितंबर के बाद डीजल बसो के परिचालन पर रोक लगाना है अगर बस संचालकों के द्वारा सिटी में डीजल बस का परिचालन किया गया तो उनके ऊपर कार्यवाई करते हुए बेस जप्त की जाएगी। सीएनजी बस चलाने से मालिकों को भी फायदा होगा। डीजल बस और ऑटो से अधिक धुआं निकलता है । सीएनजी बस की कीमत डीजल बसो से ज्यादा है। लेकिन यह 30% ज्यादा बचत करतीहै। 1 लीटर डीजल में बस 5.5 किमी चलती है। वही एक किलो सीएनजी से 7.5 किमी चलेगी कार्बन से संबंधित गैसों का उत्सर्जन 30 से 35% तक कम होता है। डीजल की तुलना में सीएनजी बसें हिट बहुत कम होती हैं ।सीएनजी इंजन का मेंटेनेंस भी कम खर्च होता है।