रांची: गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड में दोषी कुख्यात अपराधी विकास तिवारी को झारखंड की एक जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरित करने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की याचिका स्वीकार कर ली है, जिसमें विकास तिवारी को सुरक्षा कारणों और गैंगवार की आशंका के चलते दूसरी जेल में शिफ्ट करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड सरकार को निर्देश दिया कि वह जेल मैनुअल 2016 के प्रावधानों को लागू करे। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के 21 अगस्त 2023 को दिए आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें विकास तिवारी को हजारीबाग स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारागार से दुमका जेल में स्थानांतरित करने के आदेश को खारिज कर दिया गया था।
झारखंड सरकार ने दलील दी थी कि विकास तिवारी और जेल में बंद अन्य गिरोहों के बीच गैंगवार की संभावना है। इसके अलावा, तिवारी ने अपनी जान को खतरा बताया था। इसे देखते हुए, सरकार ने विकास तिवारी को हजारीबाग से दुमका जेल स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के इस तर्क को स्वीकारते हुए हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया और स्थानांतरण की मंजूरी दे दी। शीर्ष अदालत ने जेल मैनुअल में सुधार और उसके कड़ाई से पालन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इस फैसले के बाद विकास तिवारी को जल्द ही दुमका केंद्रीय कारागार में शिफ्ट किया जा सकता है।