रांची : हाल ही में झारखंड के राजनीति में बहुत बड़ा उलट फेर हुआ है, जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक रामदास सोरेन ने चंपई सोरेन की जगह मंत्री पद की शपथ ग्रहण की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उन्हें नई जिम्मेदारी दी गई है। चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपमान का आरोप लगाते हुए पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया था। पहले उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का निर्णय लिया। हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद, चंपई सोरेन को अस्थायी रूप से झारखंड का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। हालांकि, जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और चंपई सोरेन को पद से हटा दिया गया। इस फैसले से नाराज होकर चंपई सोरेन ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। घाटशिला विधायक रामदास सोरेन को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राजभवन में एक समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झामुमो के वरिष्ठ नेता, और अन्य सरकारी अधिकारी मौजूद थे।
चंपई सोरेन ने बुधवार को मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद रामदास सोरेन को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन की नीतियों और कार्यशैली की आलोचना की, और उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने जुलाई में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और अब भाजपा में शामिल हो रहे हैं। यह घटनाक्रम झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है।