सरायकेला : पूर्व एसपी आनंद प्रकाश की यादें आज भी जनता और पत्रकारों के बीच ताजा हैं। उन्होंने हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाई है। दीपावली के अवसर पर झोगी झोपड़ियों में मिठाइयां बांटकर और दीयों की रोशनी से घरों को रोशन कर, उन्होंने त्योहारों का आनंद बांटा। उनके इस प्रयास ने न केवल बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाई, बल्कि समुदाय में एकजुटता और प्रेम का भी संचार किया है। मकर संक्रांति पर बुजुर्गों को कपड़े वितरित करने का उनका प्रयास गांव के लोगों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता रहा है। वे जानते थे कि त्योहार सिर्फ मनाने का समय नहीं है, बल्कि एक-दूसरे का साथ देने का भी अवसर है। दुर्गा पूजा के दौरान, छोटे-छोटे बच्चों को वस्त्र देना उनके दिल में समाज के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराता था। पत्रकारों के साथ उनके संबंध भी इसी भावना से जुड़े थे।
आनंद प्रकाश दुर्गा पूजा और दिवाली जैसे त्योहारों को पत्रकारों के साथ मिलकर मनाते थे, जिससे पत्रकारों और समाज के बीच की दूरी कम होती थी। उनके इन आयोजनों में हमेशा मस्ती और उमंग का माहौल होता था, जो उनके व्यक्तित्व में निखार लाते हुए और भी उजागर करता था। आज, जब हम आनंद प्रकाश को याद करते हैं, तो उनके द्वारा किए गए ये कार्य हमें याद दिलाते हैं कि सच्चे उत्सव तब मनाए जाते हैं जब हम दूसरों के साथ साझा करते हैं। उनके द्वारा दिए गए पर्व त्योहार में प्रेम हमें आज भी प्रेरित करती है और याद आती है। सरायकेला खरसावां एसपी आनंद प्रकाश द्वारा किए गए परत त्योहारों में कार्य और दिए गए प्रेम उपहार आज भी आम जनता और पत्रकारों की बीच यादगार बने हुए हैं ।