रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की मैट्रिक परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि प्रश्न पत्र लीक की कड़ी कोडरमा से जुड़ी है। इस दौरान कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनकी तकनीकी जांच जारी है। अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। डीजीपी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पुराने प्रश्न पत्र वायरल कर छात्रों को भ्रमित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा।
इस बीच, जैक ने परीक्षा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को सौंप दी हैं। शनिवार को जैक की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें पेपर लीक की घटना, अब तक की गई कार्रवाई और जिलों में चल रही जांच की प्रगति का ब्योरा दिया गया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर संस्कृत का प्रश्न पत्र वायरल हुआ, लेकिन जांच में यह फर्जी पाया गया। इतना ही नहीं, परीक्षा रद्द करने की अफवाह भी फैलाई गई, जिससे छात्रों में भ्रम की स्थिति बनी। जैक अध्यक्ष डॉ. नटवा हांसदा ने इस मामले में दो पत्र जारी किए हैं। पेपर लीक का मामला पहली बार गिरिडीह और कोडरमा से सामने आया था। वॉट्सऐप ग्रुप में एक क्यूआर कोड के जरिए संदेश भेजा गया, जिसमें दावा किया गया कि परीक्षा के प्रश्न पत्र 350 रुपये में उपलब्ध कराए जाएंगे। कुछ ही देर बाद साइंस का प्रश्न पत्र पीडीएफ प्रारूप में साझा किया गया, जो तेजी से पूरे राज्य में फैल गया। गुरुवार को विज्ञान और मंगलवार को हिंदी के प्रश्न पत्र लीक होने की पुष्टि के बाद जैक ने तत्काल बैठक कर दोनों परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया। छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा से दो दिन पहले ही यह पेपर वॉट्सऐप पर 350 रुपये में बेचा जा रहा था। पुलिस इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी में है।