सरायकेला / (संजीव मेहता) : एनआईटी जमशेदपुर में पांच दिवसीय ‘टैमिंग टर्बुलेंस: एडवांसमेंट इन फ्लो एंड एकॉस्टिक टेक्नोलॉजी’ पर कार्यशाला आज से शुरू हुई है। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों और इंजीनियरों को कम शोर के साथ पवन टर्बाइन और हवाई जहाज के पंखों और इंजनों जैसे एयरो-संरचनाओं के नए डिजाइन विकसित करने के लिए प्रशिक्षित करना है। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि ट्रांसनिग्मा प्राइवेट के संस्थापक और सीईओ डॉ. मयंक भसीन उपस्थित थे। उन्होंने सहयोगात्मक उद्यमिता और व्यापक दृष्टिकोण पर जोर दिया। विज्ञान के साथ आध्यात्मिक शिक्षा के लिए दरवाजे खोले। निदेशक डॉ. गौतम सूत्रधर ने उद्यमिता और विकास में संस्थान के पूर्व छात्रों की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए संस्थान की उद्यमशीलता शक्तियों पर प्रकाश डाला। जबकि उप निदेशक डॉ. राम विनॉय शर्मा सर ने छात्रों को ऐसी कार्यशालाओं में भाग लेने और सीखने और इसके लिए और अधिक पहल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
डीन आर एंड सी प्रोफेसर एम.के. सिन्हा ने संस्थान में अनुसंधान के अवसरों पर चर्चा की और उल्लेख किया कि कैसे नए साल का पहला महीना छात्रों और सभी के लिए कार्यशाला के रूप में महान अवसरों से भरा है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एचओडी प्रो. संजय ने अनुसंधान में विभाग के योगदान और पहल की सराहना की। इस कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के 50 से अधिक छात्रों और अनुसंधान विद्वानों ने भाग लिया। जिन्होंने सत्र से बहुत लाभ उठाया और उत्साहपूर्वक कार्यशाला के लिए आगे बढ़े। कार्यक्रम का सफल संचालन मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. अरविन्द कुमार पटेल, डॉ. रिंकू कुमार गौड़ा, डॉ. एस.के. सुधांशु और डॉ. शैलेश झा द्वारा किया गया।