जमशेदपुर : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जमशेदपुर (एनआईटी जमशेदपुर) में आज एक अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर केंद्रित संवाद सत्र का आयोजन किया गया. संवाद का संचालन ‘जीवन’ आत्महत्या निवारण केंद्र, जमशेदपुर द्वारा किया गया, जो एक स्वैच्छिक संगठन है और लंबे समय से मानसिक तनाव, अवसाद तथा आत्महत्या की प्रवृत्ति से ग्रसित लोगों के लिए सहायता और परामर्श प्रदान कर रहा है.
इस संवाद का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना, तनाव एवं अवसाद से जुड़ी समस्याओं को समझना तथा आत्महत्या जैसी गंभीर स्थिति से बचाव के लिए प्रभावी उपायों की जानकारी देना था. यह सत्र खासतौर पर छात्रों के लिए आयोजित किया गया था, जो प्रतिस्पर्धी शैक्षणिक माहौल, करियर की चिंता, पारिवारिक दबाव, और व्यक्तिगत कारणों से मानसिक रूप से असहज हो सकते हैं. संवाद के दौरान जीवन आत्महत्या निवारण केंद्र के प्रतिनिधियों ने अपने कार्यों, सेवाओं और उपलब्ध संसाधनों की जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि केंद्र 24 घंटे सक्रिय रहता है और संकटग्रस्त लोगों को निःशुल्क, गोपनीय एवं संवेदनशील परामर्श प्रदान करता है. केंद्र का मूल उद्देश्य न केवल आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकना है, बल्कि लोगों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की मानसिक शक्ति देना भी है. निदेशक सूत्रधर ने कार्यकम को छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बताया. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधर ने अपने संबोधन में कहा की यह संवाद न केवल एक जागरूकता कार्यक्रम है, बल्कि यह छात्रों को उनके मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में आत्मचिंतन, स्वीकृति और सहायता प्राप्त करने का साहस भी प्रदान करता है. उम्मीद है कि आने वाले समय में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि एक स्वस्थ, सशक्त और भावनात्मक रूप से सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण निर्मित हो सके. सत्र के दौरान छात्रों ने विषय में गहरी रुचि दिखाई। कई छात्रों ने अपनी जिज्ञासाएं और व्यक्तिगत अनुभव साझा किए. इस संवाद ने न केवल छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को समझने में मदद की, बल्कि उन्हें यह भरोसा भी दिया कि जरूरत के समय वे अकेले नहीं हैं.