धनबाद : धनबाद के सिंदरी स्थित बी.आई.टी. सिंदरी, झारखंड का एक प्रमुख तकनीकी संस्थान, अपनी स्थापना की 75वीं वर्षगांठ को प्लैटिनम जुबली के रूप में मनाने जा रहा है। यह तीन दिवसीय उत्सव 15 से 17 नवंबर तक धूमधाम से आयोजित किया जाएगा, जिसमें पूर्व और वर्तमान छात्रों, शिक्षकों, और विशेष अतिथियों के शामिल होने की संभावना है। इस ऐतिहासिक अवसर को लेकर संस्थान में खास उत्साह है और इसका उद्देश्य न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों का जश्न मनाना है बल्कि संस्थान की पहचान को एक नए स्तर पर ले जाना भी है।उत्सव को विशेष बनाने के लिए बी.आई.टी. कल्चरल सोसायटी के छात्रों ने एक अनोखी कला परियोजना पर काम शुरू किया है। इस परियोजना का नेतृत्व डायरेक्टर प्रो. पंकज राई और कल्चरल सोसायटी के प्रोफेसर प्रभारी डॉ. अभिषेक आनंद हेंब्रम और प्रो. संग्राम हेंब्रम कर रहे हैं। इस परियोजना के तहत, संस्थान के एमसी ग्राउंड की दीवारों को झारखंड की जनजातीय कला शैली में सजीव चित्रों और जीवंत रंगों से सजाया जा रहा है। यह कला प्रदर्शनी झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करने का एक प्रयास है और राज्य की पारंपरिक जनजातीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है।
कला प्रदर्शनी में छात्रों द्वारा चित्रित झारखंड की जनजातीय कला शैली न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को सामने लाएगी बल्कि तीन दिवसीय उत्सव में आए सभी अतिथियों को एक अनोखा सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगी। यह कला परियोजना न केवल छात्रों की रचनात्मकता और प्रतिभा को प्रदर्शित करेगी बल्कि बी.आई.टी. सिंदरी के गौरवशाली इतिहास और इसकी सांस्कृतिक प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बनेगी। इस तरह बी.आई.टी. सिंदरी की प्लैटिनम जुबली, संस्थान के अकादमिक और सांस्कृतिक विकास का प्रतीक होगी। यह आयोजन न केवल संस्थान की प्रतिष्ठा को और बढ़ाएगा बल्कि झारखंड की संस्कृति और विरासत के प्रति सम्मान को भी प्रकट करेगा, जिससे यह संस्थान झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर का एक प्रमुख वाहक बन जाएगा।