रांची : रांची में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने शहर की परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से ठप कर दिया है। यह हड़ताल जिला प्रशासन द्वारा नए रूट निर्धारण के फैसले के विरोध में की जा रही है, जिसे चालकों ने आर्थिक रूप से नुकसानदायक बताया है। उनके अनुसार, इस नए निर्णय से उनकी आमदनी में भारी कमी आएगी, जिससे उनकी आजीविका पर गंभीर असर पड़ेगा। इस हड़ताल का प्रभाव शहर के रोजमर्रा के जीवन पर भी गहरा पड़ा है। लगभग 25,000 ऑटो और 13,000 ई-रिक्शा के सड़क पर न होने से, आम जनता को दफ्तर, स्कूल, कॉलेज और अन्य कार्यों के लिए बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। जो लोग रोजाना इन साधनों पर निर्भर हैं, उन्हें पैदल यात्रा करने या महंगी निजी टैक्सियों का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रशासन और चालकों के बीच संवाद की कमी इस समस्या की जड़ है। जिला प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए लिया गया है, लेकिन चालकों की बिना सहमति के यह फैसला उन्हें अस्वीकार्य है।
हड़ताल की वजह से शहर की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है, क्योंकि छोटे व्यापारी और दुकानदारों का व्यवसाय इस स्थिति से प्रभावित हो रहा है। अभी तक प्रशासन और चालकों के बीच कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। दोनों पक्षों के बीच संवाद की आवश्यकता है ताकि शहर की परिवहन व्यवस्था फिर से सुचारू रूप से चल सके। इस स्थिति ने रांची में परिवहन व्यवस्था के महत्व को उजागर किया है और दिखाया है कि सभी पक्षों के बीच आपसी समझौता कितना आवश्यक है।