रांची : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अवैध खनन घोटाले के मामले में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। यह कार्रवाई पंकज मिश्रा के करीबी व्यक्तियों के ठिकानों पर की गई है, जो झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले अहम हो सकती है। सीबीआई ने इन छापेमारी के दौरान 30 लाख रुपये से अधिक की राशि जब्त की।सीबीआई की टीम ने मुख्य रूप से झारखंड के 3 जिलों—साहिबगंज, पाकुड़ और राजमहल—में छापेमारी की। इसके अलावा, कोलकाता और पटना में भी रेड की है। साहिबगंज जिले में सबसे अधिक 7 ठिकानों पर छापेमारी की गई है। जिन व्यक्तियों के ठिकानों पर छापे मारे गए, वे पंकज मिश्रा के करीबी सहयोगी माने जा रहे हैं।
छापेमारी के प्रमुख ठिकाने
1. **राजमहल उधवा** के बड़े कारोबारी **महताब आलम**
2. **मिर्जाचौकी** के **रंजन वर्मा** और **संजय जायसवाल**
3. **बरहरवा** के **सुब्रतो पाल**
4. पत्थर व्यवसायी **टिंकल भगत**
5. **अवध किशोर सिंह** उर्फ **पतरु सिंह**
6. **बरहरवा** के **भगवान भगत**
7. **कृष्णा शाह** के ठिकाने पर भी छापेमारी की गई।
सीबीआई की यह कार्रवाई अवैध खनन और संबंधित अपराधों में संलिप्तता के आरोपों को लेकर की गई है। यह मामला राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध खनन और उसके द्वारा हुई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है। पंकज मिश्रा, जो झारखंड सरकार में एक प्रभावशाली व्यक्ति माने जाते हैं, पर इस पूरे नेटवर्क को चलाने का आरोप है। इस छापेमारी के बाद, माना जा रहा है कि यह कार्रवाई झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी गठबंधन को बड़ी राजनीतिक चोट पहुंचा सकती है, क्योंकि यह मुद्दा चुनावी मैदान में एक बड़ा मोड़ ले सकता है। सीबीआई की कार्रवाई से इस मामले में नई परतें खुलने की उम्मीद जताई जा रही है।