सरायकेला : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईटी जमशेदपुर में शुक्रवार को भारत के भविष्य के विकास के लिए दूरदर्शी थीम के साथ उद्योग-अकादमिक कॉन्क्लेव का शुभारंभ हुआ. जो 15-17 नवंबर 2024 तक चलेगा. इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन राज्य के महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार ने दीप प्रज्वलित कर किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भविष्य में उद्योग और अकादमिक इंजीनियरिंग कॉन्क्लेव के माध्यम से झारखंड में विकास संभव है. हम आशा करते हैं जो भी सरकार आएगी इस दिशा में अवश्य पहल करेगी. उन्होंने मीडियाकर्मियों के राजनीतिक पहलुओं से जुड़े सवालों को नकारते हुए कहा अभी इस संबंध में कुछ भी कहना उचित नहीं होगा. बता दें कि एनआईटी के के डायमंड जुबली लेक्वर हॉल कॉम्प्लेक्स में 3 दिनों कॉन्क्लेव का आयोजन किया है, यह कॉन्क्लेव का दूसरा संसकरण है. इस कॉन्क्लेव में एनआईटी जमशेदपुर, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, आईआईटी पटना, एनआईटी मिजोरम, आईआईट भिलाई, एनआईटी रायपुर, एनआईटी अगरतला, एनआईटी मणिपुर और एनआईटी नागालैंड जैसे प्रतिष्टित संस्थान सहयोग कर रहे हैं. कॉन्क्लेव में उद्योगों की भागीदारी भी हुई है जिसमें टाटा स्टील, एनटीपीसी, ग्रीको, पावर ग्रिड कॉपोरिशन, मिधानी, गेल, बीसीसीएल, ओएनजीसी, डीवीसी, कोल इंडिया, ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड, आधुनिक, जन्युटेक, लक्ष्म एसोसिएट्स, सीसीएल और रेल विकास निगम लिमिटेड शामिल हैं. कॉन्क्लेव को एसबीआई, केनरा बैंक, एचडीएफसी, एल्सेवियर, स्रिगर-नेचर, कैम्ब्रिज प्रेस, टेलर और फ्रांसिस सहित प्रकाशन गृहों और बैंकों द्वारा प्रायोजित किया गया है. यह आयोजन “विकसित भारत – विकसित झारखंड: 2047” थीम के अनुरूप, अधिक विकसित और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा. यह विषय 2047 में राष्ट्र शताब्दी वर्ष तक प्रगतिशील भारत और झारखंड के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालेगा. कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्योग जगत के नेताओं, अकादमिक विशेषज्ञ, नीति निर्माताओं और छात्रों को एक साथ लाना, नवाचार को बढ़ावा देने, गंभीर औद्योगिक चुनौतियों पर चर्चा करने और ऐसे समाधान विकसित करना है जो अकादमिक अनुसंधान को वास्तविक दुनिया की औद्योगिक जरूरतों के साथ रेखांकित करना है.
कॉन्क्लेव को कई महत्वपर्ण उदेश्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिनमें प्रत्येक का उद्देश्य विकास, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना है. उद्योग-अकादमिक संबंध बढ़ाना, सतत आर्थिक विकास और तकनीकी उन्रति का समर्थन करने के लिए साझेदारी को मजबूत करना, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाना, औद्योगिक चुनौतियों से निपटने और नवीन समाधानों के योगदान करने के लिए उन्रत अनुसंधान का लाभ उठाना इसका मुख्य उद्देश्य है. कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्योग की उभरती जरूरतों को पूरा करने वाले शैक्षणिक कार्यक्रम विकसित करना, उद्यमिता को बढ़ावा देना, स्टार्टअप समर्थन, परामर्श और फंडिंग तक पहंच के माध्यम से उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है. कॉन्क्लेव के दूसरे दिन कल 16 नवंबर को पूरे भारत के स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए एक मॉडल प्रतियोगिता आयोजित होगी जिसमें 300 से अधिक छात्र भाग लेंगे. इसमें 60 से अधिक छात्र बाहरी हिस्सा ले रहे हैं. जिसके प्रतिभागियों के बीच 1 लाख रुपए के पुरस्कार वितरित किए जाएंगे. कॉन्क्लेव में इलेक्टॉनिक्स के क्षेत्र में एक हैकथॉन आयोजित किया जा रहा है जिसमें पूरे भारत से लगभग 1600 छात्र शामिल हो रहे हैं.