रांची : झारखंड में राजनीतिक सियासी पारा चरम पर चढ़ने लगा है । आरोप प्रत्यारोप के बीच राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है। ऐसे झारखंड में मौसम की तरह राजनीतिक पारा भी चढ़ते उतरते रहते हैं । मुख्यमंत्री और दो पूर्व मुख्यमंत्री इन दिनों झारखंड की सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। जमीन घोटाले मामले में ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दो बार समन कर चुका है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट के दरवाजा खटखटा हुए हैं। वहीं अब ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तीसरा समन सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की ससुनवाई के बाद कर सकता है।सूत्रों के अनुसार ईडी आश्वस्त है कि वह कानून के दायरे में रहकर जांच कर रहा है। अबतक जो भी कार्रवाई हुई है, वह कानून सम्मत हुई है।वही सीएम हेमंत सोरेन द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि ईडी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है,और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। वही मैनहर्ट घोटाले में एसीबी को पूर्व सीएम और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास के खिलाफ अभियोजन की
स्वीकृति मिल सकती है। इस पर तेजी से कार्रवाई हो रही है ।जिससे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
वही प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दो दिनों में चार थानों में एफआईआर होने के बाद भाजपा भी सतर्क हो गई है। सत्ताधारी पक्ष पर जांच एजेंसियों का जैसे-जैसे दबदबा बढ़ रहा है, दूसरी ओर भाजपा के नेताओं से जुड़े मामलों पर भी कार्रवाई शुरू हो रही है। रघुवर सरकार में मंत्री रहे अमर बाउरी, रणधीर सिंह, नीरा यादव, लुइस मरांडी व नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ भी आय से अधिक
संपत्ति मामले में कैबिनेट ने अभियोजन की स्वीकृति दी है। जिससे राज्य के राजनीतिक सियासी परा बढ़ते जा रहा है। मुख्यमंत्री सहित दो पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजनीतिक दलों पर बढ़ते संकट को देखते हुए राज्य की राजनीतिक सियासी पारा के तापमान बढ़ने लगे हैं ।