सरायकेला / (संजीव मेहता) : सरायकेला जिले में सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण (SEL) पर आधारित SEL समागम का सफल आयोजन किया गया। इस समागम के मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला परियोजना पदाधिकारी के साथ शिक्षक, छात्र, जिला अभिभावक, और मीडियाकर्मी भी उपस्थित रहे। जिला शिक्षा अधीक्षक ने SEL के 9 घटकों पर बात की और कहा कि ये सभी घटक के माध्यम से 21वीं सदी के कौशल को बढ़ावा मिलता है, इसलिए हर्ष जोहार का एक कार्यशाला DEIT में होगा। उन्होंने इसके लिए सम्पूर्णा कंसोर्टियम के प्रयासों की सराहना की और सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण (SEL) के महत्व पर बल दिया। मौके पर कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि इस तरह की शिक्षा न केवल बच्चों की शैक्षणिक सफलता को बढ़ाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और जीवन में सही निर्णय लेने की क्षमता को भी सुधारती है।
कार्यक्रम के साथ ही साथ गतिविधियों का सम्पूर्णा के अंतर्गत हर्षजोहर की गतिविधियों का गैलरी वॉक कराया गया जिन गतिविधियों में सभी अतिथि ने भाग लिया। इस SEL समागम का मुख्य उद्देश्य सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाना है, ताकि सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण (SEL) के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और बच्चों के संपूर्ण बाल विकास को सुनिश्चित किया जा सके। इस तरह की पहल से बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में योगदान मिलता है। प्रोजेक्ट सम्पूर्णा-हर्ष जोहार वर्तमान में झारखंड के 24 जिलों के 121 विद्यालयों में सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है। अगले चरण में इसे 325 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों में लागू किया जाएगा, जिससे और अधिक बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। टीम सम्पूर्णा द्वारा किए जा रहे इस महत्वपूर्ण कार्य की सभी ने प्रशंसा की और इसे भविष्य के लिए एक प्रेरणादायक पहल बताया।