जमशेदपुर : लाल बहादूर शास्त्री मेमोरियल महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में वी.बी.डी.ए. (वॉलेंट्री ब्लड डोनर एसोसिएशन) व एन. एस. एस. और एन. सी.सी. द्वारा संयुक्त रूप से ‘रक्तदान जागरूकता कार्यक्रम’ विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई। पूर्व प्राचार्य सह मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार झा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और उन्होंने कहा कि रक्तदान बहुत आवश्यक है। महाविद्यालय ने हमेशा रक्तदान को लेकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया साथ ही एन. सी.सी. कैडेट्स और एन. एस. एस. के वॉलेंटियर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता प्रोग्राम समय समय पर किया जाता रहा है। इसके अलावा महाविद्यालय अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर भी मेगा ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन करती रही है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी. एन प्रसाद ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए कहा कि रक्तदान महादान है। उन्होंने एन. सी. सी. कैडेट्स, एन एस एस के वॉलेंटियर और विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि वे स्वयं भी रक्तदान के प्रति जागरूक हो और दूसरों को भी जागरूक करें। वी.बी.डी.ए. के सुनील मुखर्जी ने ब्लड डोनेशन के लाभ को बताते हुए कहा कि रक्तदान करने से किसी की जान बच सकती है। उन्होंने कहा कि सभी को ब्लड डोनेट करना चाहिए।रक्तदान करने से दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। वी.बी.डी.ए के ही प्रदीप घोषाल ने पीपीटी के माध्यम से रक्तदान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रक्तदान करना जीवन बचाने में मदद करने के सबसे आसान तरीकों में से एक है। उन्होंने थैलेसीमिया से पीड़ित व्यक्ति के बारे में कहा कि थैलेसीमिया रोगियों को नियमित रूप से खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है। रक्तदान ही इन मरीजों के जीवन को बचाने का एकमात्र सहारा है।
आगे उन्होंने कहा कि, लड़के व लड़की विवाह के पूर्व कुंडली मिलान से पहले थैलेसिमिया की जांच कराए। 18 वर्ष की आयु से अधिक कोई भी व्यक्ति जिनका वजन 50 किलोग्राम से ज्यादा हो वह रक्तदान कर सकता है।
एन. एस. एस. (ब्वॉयज यूनिट) प्रोग्राम ऑफिसर अरविंद पंडित ने मंच का संचालन किया वहीं एन. एस. एस. गर्ल्स यूनिट की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. संचिता भुई सेन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। मौके पर डॉ. पुरुषोत्तम प्रसाद, डॉ. विनय कुमार गुप्ता, डॉ विजय प्रकाश, डॉ. मासूमी पॉल, प्रो. बिनोद कुमार, प्रो. संतोष राम, डॉ. प्रशांत, डॉ. रानी, प्रो. सलोनी रंजन, प्रो. प्रमिला किस्कू, एन. सी.सी. कैडेट्स और एन. एस. एस. के वॉलेंटियर साथ ही बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएं उपस्थित थे।