सरायकेला : एनआईटी जमशेदपुर में तीन दिवसीय उद्योग-अकादमिक कॉन्क्लेव के दूसरे दिन छात्रों ने नए मॉडलों का स्कूली बच्चों ने अतुलनीय प्रदर्शन किया वहीं उद्योग-अकादमिक में दिग्गजों के साथ छात्रों ने बेहतर परफॉर्मेंस प्रस्तुत किया. बता दें कि एनआईटी जमशेदपुर में कल इंडस्ट्री-एकेडेमिया कॉन्क्लेव के पहले दिन सम्मेलन का उद्घाटन झारखंड के माननीय राज्यपाल संतोष गंगवार ने किया था. कॉन्क्लेव के दूसरे दिन चार राष्ट्रीय और औद्योगिक प्रासंगिकता के ऊपर पैनल चर्चाएं हुईं. साथ ही विभिन्न विषयों पर स्कूली छात्रों द्वारा मॉडल प्रस्तुत किया गया. बता दें कि कॉन्क्लेव का उद्देश्य विकसित-भारत और विकसित-झारखंड है. पैनल चर्चा में आज विषय वस्तु विशेषज्ञों ने “सामाजिक विकास के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण और अकादमिक-कॉर्पोरेट की भागीदारी एवं उत्तरदायित्व” में उद्योग की भागीदारी विषय चर्चा की. जिसमें शिक्षा जगत के प्रो. धीरज कुमार (उप निदेशक, आईआईटी आईएसएम धनबाद), डॉ. दीपक मिश्रा (इसरो), सत्यनारायण नंदा (प्रमुख सीएसआर, टीएसएलपीएल) डॉ. आराधना रे लक्ष्मी एसोसिएट्स), रामदास कटरे (वीपी-जिंदल पावर लिमिटेड) और गौरव आनंद
(संस्थापक, स्वच्छता पुकारे-फाउंडेशन) ने भाग लिया.
पैनल के सदस्यों ने रणनीतिक आवश्यकता पर प्रकाश डाला और “विकसित भारत, विकसित-झारखंड” हासिल करने के लिए शिक्षा जगत-उद्योग-सरकार के बीच तालमेल पर प्रकाश डाला और साथ ही सहयोगात्मक परियोजना-डिज़ाइनों और उनके लिए सबसे सफल मॉडलों पर ध्यान केंद्रित कराया. पैनल ने पीपीपी मोड पर चर्चा की एवम “विकसित भारत” लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए परियोजना कार्यान्वयन पर चर्चा की. अन्य पैनल चर्चा में “वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोग की खोज” विषय पर चर्चा हुई. जिसमें एक साइबर-भौतिक वातावरण बनाने के लिए परिचालन प्रौद्योगिकी के उद्भव के लिए अग्रणी उद्योग 4.0 से जुड़े डिजिटल समाधान और उन्नत प्रौद्योगिकियो पर चर्चा हुई. पैनल ने निष्कर्ष निकाला कि उद्योग 4.0 को अपनाकर “विकसित भारत- 2047” हासिल किया जा सकता है. इसके अलावा उन्होंने विभिन्न औद्योगिक उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं के लिए डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी के विकास में इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और वर्चुअल रियलिटी के क्षेत्र में नवाचार की भूमिका पर चर्चा की. पैनल ने शिक्षा में डिजिटल ट्विन के उपयोग का भी प्रस्ताव रखा, जिससे संस्थानों/विश्वविद्यालयों में अधिक प्रभावी शिक्षण-शिक्षण परिणाम प्राप्त होंगे. एक मॉडल प्रस्तुति प्रतियोगिता जिसमें 800 से अधिक छात्रों ने आवेदन किया था, हालांकि देश भर के 70 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों का प्रतिनिधित्व करने वाले 90 मॉडलों के साथ 300 छात्रों की स्क्रीनिंग एक महत्वपूर्ण घटना थी. प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रकार की नवीन परियोजनाओं का प्रदर्शन किया, जिनमें टिकाऊ स्मार्ट प्रौद्योगिकियों, रोबोटिक्स और आईओटी, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोगों पर मॉडल शामिल थे. इस प्रतियोगिता के विजेता को पुरस्कार समारोह में ₹1 लाख के पुरस्कारों के साथ उत्कृष्ट मॉडलों को सम्मानित किया गया. इसके विजेता बने होली क्रॉस स्कूल, बोकारो की आस्था कुमारी और शताक्षी, जबकि प्रथम रनर-अप रही अंजलि शर्मा, सरग्या सिंह, वहीं डीपीएस बोकारो के कृष वर्मा द्वितीय स्थान पर रहे. वहीं उपविजेता रहे तुहिन दत्ता और डीएवी बिस्टुपुर के कुमार अथर्व. मॉडल प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रोफेसर अमित पात्रा ने किया और डॉ. शुभ्रकमल दत्ता और एडीएम ए.के.वर्मा ने सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया. समारोह में एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रोफेसर गौतम सूत्रधर के साथ-साथ संजय, सतीश कुमार, दिनेश कुमार, सुरवी पाल, सुभादीप मेत्या, जयेंद्र कुमार, रत्नेश मिश्रा, मयंक श्रीवास्तव और कुणाल सिंह सहित सम्मानित संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे।