प्रतीक सिंह : दिल्ली : नीट-यूजी परीक्षा के संचालन में पारदर्शिता और गुणवत्ता को लेकर सरकार ने एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है। जिसकी नेतृत्व में भारतीय शैक्षणिक और वैज्ञानिक संस्थाओं के प्रमुख शामिल हैं. इस समिति का मुख्य उद्देश्य नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की कार्यप्रणाली को सुधारना और बेहतर बनाना है, ताकि छात्रों को एक निष्पक्ष, उच्च-गुणवत्ता और जीरो एरर परीक्षा मिल सके।इस समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉक्टर के राधाकृष्णन, जिन्होंने इसरो के पूर्व चेयरमैन के रूप में सेवा की है, एवं विभिन्न सदस्यों के रूप में आइआइटी कानपुर, एम्स दिल्ली, केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद, आइआइटी मद्रास, और अन्य शिक्षा और विज्ञान संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं। इनके माध्यम से, समिति विभिन्न दृष्टिकोण से परीक्षा प्रक्रिया को मूल्यांकन करेगी और नई नीतियों और सिद्धांतों का सुझाव देगी ताकि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, समानता, और सुधार आ सके।
इस समिति का प्रमुख ध्यान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के संचालन पर होगा, जहां परीक्षाओं की गुणवत्ता और समानता को बनाए रखने के लिए उच्च मानकों की रखरखाव की जाएगी। समिति के सदस्य विशेषज्ञ हैं जो अपने क्षेत्र में विशेष ज्ञान और अनुभव रखते हैं और वे सरकार को नीतियों और उपायों के सुझाव देंगे जो परीक्षा प्रक्रिया को और भी पारदर्शी बना सकते हैं।
इस प्रक्रिया के माध्यम से, सरकार ने छात्रों के हित में सुधार करने का प्रयास किया है, जिससे उन्हें एक न्यायसंगत और विश्वसनीय परीक्षा प्रणाली मिल सके।