जमशेदपुर : विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा 3 फरवरी को है। इसे लेकर मूर्तियों का निर्माण जोर-जोर से किया जा रहा है, जिसे मूर्तिकार अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों में मूर्तियों का निर्माण हो रहा है, जो काफी आकर्षक बनाए जा रहे हैं। कहीं पर्यावरण का संदेश देते मूर्तियां है तो कहीं मां देवी को आकर्षक भव्य मुकुट से सजाया गया है। 2 फीट से लेकर ऑर्डर के अनुसार 12 फीट तक की मूर्तियां का निर्माण की गई है। वैसे इन मूर्तियों का निर्माण में मूर्तिकारों को महंगाई के साथ मिट्टी की समस्याओं का भी सामना कर रहा है। शहर के सबसे पुराने मूर्तिकार वासुदेव पाल ने समस्याओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, शहर में अब मिट्टी उपलब्ध नहीं हो रही है।
इसकी वजह यह है, कि ऊंची ऊंची बिल्डिंगे बनती जा रही है। जिस वजह से मूर्ति के लिए जिस मिट्टी की आवश्यकता होती है उसे कोलकाता से मंगवाना पड़ता है, जो काफी महंगा है। इस वजह से प्रत्येक वर्ष मूर्तियों के दाम में उछाल आ जाती है। वही अब नए जेनरेशन इस व्यवसाय से जुड़ना नहीं चाहते क्योंकि इसमें आमदनी काफी कम होती है। यही कारण है की आज के बच्चे पारंपरिक व्यवसाय को छोड़ नौकरी करना पसंद कर रहे हैं। जो आने वाले समय में मूर्ति निर्माण और उसकी उपलब्धता की समस्या काफी बढ़ जाएगी। फिलहाल इस वर्ष 500 से लेकर 45000 तक की मूर्तियां बाजार में उपलब्ध है।