बक्सर: चौकीय नहीं जनाब यह कटु सत्य है। जिसके कंधे पर शराब रोकने के जिम्मेवारी है, वही अपने थाने से शराब बेच रही है थी। सुनने में जरा अजीब सा अटपटा लग रहा है ।परंतु यही सत्य है। बिहार के बक्सर जिले के ब्रह्मपुर थाने से शराब की बिक्री हो रही थी। बक्सर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार को गुप्त सूचना मिली। सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक द्वारा सीडीपीओ के नेतृत्व में कमेटी गठित कर छकमारी कराई गई। छापेमारी के दौरान थाना प्रभारी समेत 6 पुलिस कर्मियों की इसमें संलिप्त सामने आई ,जिसके बाद एफआईआर दर्ज कर एक दरोगा और एक सिपाही को जेल भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में थाना प्रभारी समेत पांच लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार पूरवा से जप्त शराब से भरे ट्रक से पेटी निकाल कर थाना के दूसरे कमरे में रखी गई थी, और वहां से शराब बाहर ले जाई जा रही थी। तभी पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली, और पुलिस अधीक्षक द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सीडीपीओ के नेतृत्व में शराब बेचते हुए पकड़ा गया ,और जेल भेज दिया गया। क्या विडंबना है, जिसके कंधे पर सुरक्षा करने और चोरी रोकने की जिम्मेवारी है, वही चोरी और भ्रष्टाचारी है।