रांची: झारखंड सरकार मईया सम्मान योजना को लेकर लगातार शहरी क्षेत्र से ग्रामीण सुदूर क्षेत्रों में प्रचार प्रसार करने के लिए लगातार पसीने बहा रही है। झारखंड के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण सुधीर वर्ती क्षेत्रों में मईया सम्मान योजना, हर बच्चे बूढ़े नौजवान महिला पुरुष की जुबान पर चल रहे है, और कहां जा रहा है कि, मईया सम्मान योजना, कहीं सरकार ज़िताओ योजना तो नहीं हैं। विधानसभा चुनाव से पहले जिस रफ्तार से मईया सम्मान योजना” का जिक्र सभी चौक चौराहे प्रशासनिक एवं राजनीतिक गलियारों में तेजी से हो रहे हैं। यह चुनावी नया पार करने के लिए हेमंत सरकार का एक ज़िताओ अभियान मईया सम्मान योजना के रूप में अभियान चलाए जा रहे हैं। चुनावी घोषणा से पूर्व अक्सर इस तरह के सरकार द्वारा योजनाएं आम जनता को सौगात के रूप में लाए जाते हैं। जिससे आने वाले चुनाव में उन्हें चुनाव जीतने में अहम भागेदारी अदा करती है। योजना एक वास्तविक सामाजिक कल्याण कार्यक्रम है या फिर केवल एक राजनीतिक चुनावी अभियान का हिस्सा। यह जरूरी है कि इसे गहराई से समझा जाए ताकि लोग इसके वास्तविक उद्देश्य और प्रभाव को जान सकें। यह योजना महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए चलाई जा रही है।जिसमें उनके लिए विशेष सुविधाएं और वित्तीय सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके तहत महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाता है।
हालांकि, इस योजना का दूसरा पहलू यह भी हो सकता है कि इसे चुनावी लाभ के लिए प्रचारित किया जा रहा हो। अक्सर चुनाव के दौरान सरकारें विभिन्न प्रकार की योजनाओं की घोषणा करती हैं। ताकि मतदाताओं का समर्थन हासिल किया जा सके। अगर यह योजना केवल चुनावी लाभ के लिए बनाई गई है, तो इसके परिणामस्वरूप महिलाओं को असली लाभ मिलने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए, “मईया सम्मान योजना” को केवल एक चुनावी अभियान के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे वास्तविक सामाजिक सुधार के रूप में लागू करना चाहिए।
महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों की सफलता इसी पर निर्भर करती है कि ये योजनाएं कितनी ईमानदारी से और किस तरह से लागू की जाती हैं। यह योजना वास्तविकता में महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी या केवल चुनावी मुद्दा बनकर रह जाएगी, या चुनाव जीताओ अभियान बनकर रह जाएगी। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। जनता को भी चाहिए कि वह केवल वादों पर न जाए, बल्कि योजना की सच्चाई और उसके धरातलीय लाभ को जांचे परखे और अपनी विवेक से फैसला ले। ऐसे चर्चाएं तो सभी कर ही ,रहे हैं, की मईया सम्मान योजना कहीं सरकार ज़िताओ अभियान योजना तो नहीं?