रांची : झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को महिलाओं और स्कूली बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर रोक लगाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। यह याचिका राज्य में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के साथ हो रहे अपराधों पर चिंता जताते हुए दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान राज्य के गृह सचिव, नगर विकास विभाग के सचिव, महिला बाल विकास सचिव, रांची के डीसी, नगर निगम के नगर आयुक्त, और रांची एसएसपी कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए।अदालत ने रांची में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों, विशेषकर चेन छिनतई की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। अदालत ने कहा कि अपराधों पर प्रभावी रोक नहीं लग पाने से स्थिति गंभीर होती जा रही है, जो सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय है। सुनवाई के दौरान गृह सचिव ने अदालत को आश्वासन दिया कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वे सभी स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक करेंगे। इसके माध्यम से बच्चों को सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण प्रदान करने के उपायों पर विचार किया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से समय की मांग की गई ताकि अपराधों पर नियंत्रण के लिए सुझाव प्रस्तुत किए जा सकें। अदालत ने यह मांग स्वीकार करते हुए सरकार को 30 सितंबर तक शपथ पत्र के माध्यम से अपने सुझाव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा, अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि जरूरत पड़ने पर लोग आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकें।यह जनहित याचिका हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता भारती कौशल द्वारा दायर की गई है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने अदालत में पक्ष रखा। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ कर रही है।