श्री श्री 1008जगत गुरु घरवासडीह मठाधीश्वर रोहतास बिहार के जo गुo नारायणाचार्य जी महाराज के शिष्य स्वामी केशवाचार्य जी महाराज ने कहा कि –नवरात्रि का नवां दिन:मां सिद्धिदात्री की तपस्या से ही भगवान शिव को मिलीं सिद्धियां, उपासना से आपको भी मिलेगा आशीर्वाद। स्वामी जी ने कहा कि
नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। जैसा कि इनके नाम से ही स्पष्ट है कि मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी हैं। शास्त्रों के अनुसार महादेव ने भी माता सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर इनसे सभी आठ सिद्धियां प्राप्त की थीं। इन्हीं देवी की कृपा से ही महादेव की आधी देह देवी की हो गई थी और वे अर्धनारीश्वर कहलाए थे। नवरात्र के नौवें दिन इनकी पूजा के बाद ही नवरात्र का समापन माना जाता है। महाराज जी ने महत्त्व के बारे कहा– कि शास्त्रों के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व नामक आठ सिद्धियां हैं। ये सभी सिद्धियां मां सिद्धिदात्री की आराधना से प्राप्त की जा सकती हैं। हनुमान चालीसा में भी अष्टसिद्धि नव निधि के दाता कहा गया है।और कहे कि –सामान्य रूप से मां सिद्धिदात्री कमल पुष्प पर आसीन होती हैं, हालांकि इनका भी वाहन सिंह है। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनकी दाहिनी ओर की पहली भुजा मेंं गदा और दूसरी भुजा में चक्र है। बांई ओर की भुजाओं में कमल और शंख है। हिमाचल का नंदा पर्वत माता सिद्धिदात्री का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। मान्यता है कि जिस प्रकार इस देवी की कृपा से भगवान शिव को आठ सिद्धियों की प्राप्ति हुईं, ठीक उसी तरह इनकी उपासना करने से अष्ट सिद्धि और नव निधि, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है। और केशवाचार्य महाराज जी ने कहा कि–
शारदीय नवरात्रि की महानवमी 23 अक्टूबर 2023 को है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। अश्विन शुक्ल नवमी तिथि 22 अक्टूबर 2023 को रात 07 बजकर 58 मिनट से 23 अक्टूबर 2023 को शाम 05 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। नवमी तिथि शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। आइए जानते हैं इस दिन पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में।महानवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह का मुहूर्त : सुबह 06 बजकर 27 मिनट से सुबह 07 बजकर 51 मिनट तक। दोपहर का मुहूर्त : दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से दोपहर 02 बजकर 55 मिनट तक। शाम का मुहूर्त : शाम 04 बजकर 19 मिनट से रात 07 बजकर 19 मिनट तक। श्री मते रामानुजाय नमः।