जमशेदपुर: एल बी एस एम कॉलेज जमशेदपुर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संगोष्ठी का अयोजन किया गया। विषय प्रवेश करते हुए डाॅ.विनय कुमार गुप्ता विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 8 मार्च 1975 से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। भारत में प्राचीन काल से ही महिला को सम्मान दिया जाता रहा है। यहां के साहित्य में यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’ अर्थात, जहां स्त्रियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं की अवधारणा रही है और हमारे संविधान, अधिनियम, कानूनों में महिला को विविध अधिकार और संरक्षण दिए गए हैं लेकिन आज भी महिलाओं के साथ भेदभाव जारी है।
महिला कल्याण, महिला उत्थान और महिला सशक्तिकरण के प्रयास से कई परिवर्तन आए हैं।आज महिला प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और कई क्षेत्रों में आगे है। लेकिन अशिक्षा, स्वरोजगार का अभाव,अंधविश्वास, घरेलू उत्पीड़न आदि कई चुनौतियां आज भी महिला के साथ है। इसे दूर कर और मानसिक सोच में परिवर्तन के साथ, संकल्प लेकर महिला दिवस की सार्थकता को पूरा किया जा सकता है। प्रभारी प्राचार्य प्रो विनोद कुमार ने कहा प्राचीन भारतीय महिलाओं ने अपनी जान की कुर्बानी देकर देश के विकास में योगदान दिया है। महिला और पुरुष दोनों के साथ होने पर ही वे पूर्ण होते हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी को बधाई दी। डा विजय प्रकाश, डाॅ. दीपांजय श्रीवास्तव, डाॅ. संचिता भुई सेन, प्रो अरविंद पंडित, डाॅ. जया कच्छप,डाॅ. सुष्मिता धारा, डाॅ. शबनम परवीन ने भी अपने विचार, कविता, गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. स्वीकृति एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. विजय प्रकाश ने किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।इस अवसर पर प्रो सन्तोष राम, डाॅ. कुमारी रानी,डाॅ. सुधीर कुमार, शिप्रा बोईपाई, सलोनी रंजनी, प्रमिला किस्कू, वर्षा साहा,ज्योति पर्व, ममता मिश्रा सहित सैंकड़ों विधार्थी उपस्थित रहे।