मयंक कुमार, महाराष्ट्र : लाल हवेली की काली आपराधिक खूनी इतिहास रहा है ।लाल हवेली की काली दास्तान ने महाराष्ट्र को एक बार फिर से हिलाकर रख दिया है। लाल हवेली यानी जेल की सलाखों के पीछे रहकर भी अपराधी बाहर में अपने गुर्गों द्वारा खुलेआम घटनाओं को अंजाम दिला रहे हैं। यह लाल हवेली, अब एक खौफनाक कहानी बन चुकी है। पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या भी गुजरात के साबरमती जेल से लाल हवेली के अंदर षड्यंत्र रचकर अपने गुर्गों से बाहर में कराई गई है ।पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या ने न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि आम जनता में भी चिंता, और खौफ का माहौल पैदा कर दिया है। उनके राजनीतिक करियर को देखते हुए, यह हत्या कई सवालों को जन्म दे रही है । क्या यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है या कुछ और? बाबा सिद्दीकी, जो एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते थे, उनकी हत्या ने महाराष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना माफिया और राजनीतिक गठजोड़ की कहानी को फिर से जिंदा कर दी है। जिसमें कई रहस्यमय और काले रहस्य छिपे हैं।
इस हत्या के बाद, फिल्म अभिनेता सलमान खान की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है। सलमान खान, जो बाबा सिद्दीकी के करीबी माने जाते थे, अब एक नई सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस हत्या के पीछे संभावित खतरों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। सलमान की बढ़ाई गई सुरक्षा ने इस बात को और स्पष्ट किया है कि स्थिति कितनी गंभीर है। यह सब घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति और उसके माफिया संबंधों की जटिलता को उजागर करता है। नेताओं और फिल्म सितारों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल यह बताते हैं कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था को लेकर स्थिति कितनी नाजुक हो चुकी है।
लाल हवेली की कहानी न केवल एक हत्या की कहानी है, बल्कि यह उस गहरे अंधकार का प्रतीक है जिसमें राजनीति और अपराध का गठजोड़ होता है। समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे नेता वास्तव में सुरक्षित हैं? क्या सुरक्षा एजेंसियाँ अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही हैं? समाज में फैली इस दहशत के बीच, यह जरूरी है कि प्रशासन और राजनीतिक वर्ग एकजुट होकर इस समस्या का समाधान खोजें, ताकि भविष्य में ऐसी काली दास्तानों से बचा जा सके। बाबा सिद्दीकी की हत्या लॉरेंस गैंग द्वारा की गई, जो कि अपराध की दुनिया में एक कुख्यात नाम है। इस गैंग का नाम अक्सर हत्या, अपहरण और वसूली जैसे गंभीर अपराधों के साथ लिया जाता है। सिद्दीकी की हत्या ने इस बात की ओर इशारा किया कि कैसे संगठित अपराध अब राजनेताओं और समाज के प्रभावशाली लोगों को भी निशाना बना रहा है। इससे पहले भी कई नामी हस्तियों की हत्या इस गैंग द्वारा की जा चुकी है, लेकिन इस बार मामला राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।