रांची : झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बिना फार्मासिस्ट के दवा दुकानें खोलने की अनुमति को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। राज्य सरकार ने 21 अक्टूबर, 2021 को एक निर्देश जारी किया था, जिसके अनुसार फार्मासिस्ट के बिना भी इच्छुक व्यक्ति ग्रामीण इलाकों में दवा दुकान खोल सकते हैं। इस निर्देश का झारखंड निबंधन फार्मासिस्ट एसोसिएशन और फार्मासिस्टों ने जमकर विरोध किया, क्योंकि इससे दवाओं की गुणवत्ता और मरीजों की सुरक्षा पर असर पड़ने की संभावना थी।फार्मासिस्टों का मानना है कि दवा वितरण का कार्य केवल योग्य और प्रशिक्षित फार्मासिस्टों द्वारा किया जाना चाहिए, ताकि मरीजों को सही परामर्श और दवाओं का सेवन सुनिश्चित हो सके। कोल्हान प्रमंडल में अब तक 604 ऐसी दवा दुकानें खुल चुकी हैं, जिससे फार्मासिस्टों में रोष है।
उन्होंने इस मामले को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) के सामने उठाया और PCI से तत्काल कार्रवाई की मांग की। फार्मासिस्टों ने एक आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी भी मांगी कि PCI ने इस संदर्भ में पूर्व में जारी किए गए निर्देशों पर क्या कार्रवाई की है। अगर जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ, तो ग्रामीण क्षेत्रों में खुली इन दवा दुकानों पर ताला लगने की संभावना है, क्योंकि फार्मासिस्ट एसोसिएशन इस मसले को और गंभीरता से उठाने की तैयारी कर रहा है।