रांची : राज्य में उठे राजनीतिक बवंडर के बीच लगाए जा रहे ,कयासो और अटकलों पर विराम उस वक्त लग गया, जब मुख्यमंत्री द्वारा बुलाए गए बैठक में, सभी ने एक स्वर में कहा कि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हीं रहेंगे। हम सभी एकजुट और एक साथ होकर संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। लेकिन राजनीतिक हलचल अभी भी बरकरार है। ईडी की कार्रवाई और बंद लिफाफे, राजनीति की परिभाषा में चर्चाओं के अनुसार बहुत कुछ कह रहे हैं। झारखंड में मौसम की तरह राज्य के राजनीति भी अंगड़ाइयां ले रही है। झामुमो गांडेय विधायक डॉक्टर सरफराज अहमद की अचानक इस्तीफा , राज्य में बढ़ते लगातार ईडी की कार्रवाई और दबिश से राज्य के राजनीति एवं प्रशासनिक गलियारों मे अभी भी हलचल बरकरार है। मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री अधिकारी तक सभी ईडी की करवाई से डरे सहमे हुए हैं। कब किसके ऊपर ईडी के द्वारा कार्रवाई हो जाए, कहा नहीं जा सकता । लगातार ईडी की कार्रवाई सत्ता के करीबियों के यहां की जा रही है। जिससे ठंड के मौसम में भी सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई विधायकों की बैठक में बैठक के बाद एक स्वर में घोषणा की गई की हेमंत सोरेन ही मुख्यमंत्री रहेंगे इसके बाद राज्य में उठे गयासों और अटकलें पर विराम लग गया। परंतु राज्य में राजनीतिक हलचल अभी भी बरकरार है । मुख्यमंत्री की सदस्यता को लेकर, राज्यपाल के बंद दो लिफाफे और ईडी की लगातार बढती दबिश कार्रवाई से राज्य मे राजनीतिक हलचल अभी भी बरकरार है। अभी भी सभी की निगाहें राजपाल के आने, और ईडी की कार्रवाई पर टिकी हुई है। राज्य की राजनीतिक भविष्य तो आने वाला वक्त ही बताया कि किस तरह राज्य के राजनीति करवटें लेगी और क्या रंग दिखाएंगे। मुख्यमंत्री द्वारा बुलाए गए बैठक में सभी विधायकों को कहां गया है कि विधायक राज न छोड़ें वैसे जग रहे जहां जरूरत पड़े तो 3 घंटे के अंदर पहुंच जाए। जिसके राजनीतिक भाषा में कई मायने निकाले जा रहे हैं।