भीलवाड़ा : चौकीये नहीं जरा गौर कीजिए बदलते जमाने के दौर में मनौता किस तरह शर्मसार हो रही है। लोग आज भी डायन बिसाही के नाम पर अजब अजब तरीके से लोग प्रताड़ित हो रहे हैं, और किए जा रहे हैं। भीलवाड़ा से एक बहुत ही दर्दनाक और समाज के शर्मसार करने वाली एक मामले प्रकाश में आया है कि एक वृद्ध 80 वर्षीय महिला को कमरे में कैद कर छत से बाल्टी के सहारे खाना दिए जा रहे हैं। यह घटना बड़े ही मार्मिक, दर्दनाक , लोमहर्षक , और हृदय विदारक है। जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा के बनेड़ा क्षेत्र के एक गांव में एक 80 वर्षीय वृद्धा तीन साल से एक कमरे में बंद हैं। उनके पति और दोनों बेटों की मौत हो चुकी है।
कुछ लोगों ने उनकी जमीन हड़पने के इरादे से उन्हें ‘डायन घोषित कर दिया है। जानकारी के अनुसार जब उनके घर कोई गया ,तो वह वृद्धा देख कर फफक पड़ीं और कहने लगीं, “मैं डाकण, डायन ,नहीं हूँ। उनका घर अत्यंत बदहाल है और उनके पास रहने के लिए कोई अन्य सहारा भी नहीं है। घर के पास एक पोते का घर है, लेकिन वह भी वृद्धा से दूरी बनाए रखता है, क्यों कि गांव के लोगों ने उसे डराया है कि वह अपने पति और बेटों को खा चुकी है। नतीजतन, पोता छत से बाल्टी लटकाकर उन्हें खाना देता है।
वृद्धा का कहना है कि यदि वह अपनी बेटियों के यहां रहने जाती हैं, तो समाज उन्हें बुरा कहता है। वहीं, गांव में रहने पर लोग जीने नहीं दे रहे हैं। अब उनके लिए जीवन इतना कठिन हो गया है कि उन्होंने अपील की है कि सरकार उन्हें गोली मार दे क्योंकि वह घुट-घुट कर जी नहीं सकतीं। यह कहानी समाज में अंधविश्वास और बुरे रीति-रिवाजों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं की एक दुखद मिसाल है, जो निर्दोष लोगों को पीड़ा और अन्याय के गर्त में धकेल रही है।