जमशेदपुर:आज के आधुनिक वातावरण में एक ओर जहां लोग भाग दौड़ की जिंदगी जी रहे हैं,वही खानपान में भी लापरवाही बढ़ती जा रही है यही वजह है की बच्चे और युवा भारतीय व्यंजन से ज्यादा फास्ट फूड की ओर खिंचे जा रहे हैं जिससे शरीर पर असर तो पड़ ही रहा है।यही कारण हैं,कि कम उम्र में ही हृदयाघात और डिप्रेशन जैसी बीमारी का शिकार हों रहे है। वही हरी सब्जियों की बिक्री में भी काफी कटौती हुई है इसे लेकर शहर के लोग, बच्चों और सब्जी विक्रेताओं से राय जाने पर यह बात सामने आई कि बच्चे घर के बने रोटी सब्जी चावल दाल के बजाय फास्ट फूड की ओर उनकी रुझान ज्यादा है।जिसमें चाऊमीन उनकी पसंदीदा स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में पहली प्राथमिकता है, वैसे इस मामले में लड़कियों का रुझान थोड़ी सी कम है, उन्हें पहले भारतीय व्यंजन फिर फास्ट फूड पसंद है ।इधर शिक्षिका मधुमिता चक्रवर्ती ने कहा कि स्कूलों में भी बच्चों को यह जानकारी दी जाती है कि शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता की पूर्ति भारतीय भोजन से ही हो सकती है,ना की फास्ट फूड और जंक फूड से, इसका ज्यादा उपयोग करने से शरीर की हड्डियां कमजोर होती है,जिससे हमें बचाना चाहिए । वही एक अभिभावक ने कहा कि वर्तमान परिवेश की वजह से बच्चे घर के खाने को पसंद नहीं करते हैं,वे फास्ट फूड जैसा व्यंजन ज्यादा पसंद करते हैं। उनका यह भी कहना है,कि वह अपने बच्चों को घर के बने खाना को खाने के लिए प्रेरित करते है लेकिन कहीं ना कहीं बच्चों के जिद्द के सामने उन्हें पीछे हटना पड़ता है,जो बच्चों के सेहत के लिए बेहतर नहीं है।
इधर हरी सब्जी विक्रेताओं का मानना है,कि ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले शहरी क्षेत्र में फास्ट फूड की प्रचलन की वजह से ही सब्जियों की बिक्री में असर पड़ा है,क्योंकि अधिकतर बच्चे और युवा फास्ट फूड खाना पसंद करते हैं।जिस वजह से पहले जितने लोग हरी सब्जियों को खरीदारी करते थे,वर्तमान में काफी कम हो गया है,यही सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है। बहरहाल खानपान को लेकर डॉक्टर नकुल चौधरी का मानना है कि शरीर को प्रोटीन उपलब्ध हो इसे लेकर शिशु काल से ही भारतीय संस्कृति के व्यंजन को ही दिया जाता है।जैसे दूध दलिया और फिर धीरे-धीरे चावल दाल रोटी हरि सब्जीया और फल जिससे शरीर तंदुरुस्त और मजबूत रहे वैसे उनका यह भी मानना है,कोई भी व्यंजन नुकसानदायक नहीं होता है।बस उसका सही उपयोग हो अगर फास्ट फूड की ओर ही ध्यान दें तो गुणवत्ता युक्त तेल मसाला और उसका अनुपात सही हो तो ये ज्यादा नुकसानदायक नहीं है,उन्होंने आम लोगों को नसीहत देते हुए कहां की वे खुद और बच्चों को ज्यादा से ज्यादा भारतीय संस्कृति और परिवेश से संबंधित खाद्य पदार्थ और फलों का उपयोग करें ताकि शरीर को प्रचुर मात्रा में प्रोटीन मिल सके जिससे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हो सके।