रांची : वर्षात की विभीषिका और मौसम की अंगड़ाई ने नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों पर ब्रेक लगाते हुए ऑनलाइन उद्घाटन करने पर रांची से ही मजबूर कर दिया। ऑनलाइन उद्घाटन रांची से ही किया गया और रांची से ही दिल्ली लौट जाने की प्लेनों पर विचार होने लगा। जब इस बात की पता झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को हुई, तो सूत्रों के अनुसार उन्होंने करुणामय आग्रह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करते हुए जमशेदपुर आने की अपील और निवेदन किया। इसी कड़ी में हेमंता सरमा और शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रधानमंत्री से कहा जाने से मैसेज अच्छा जाएगा। जिसे प्रधानमंत्री ने गंभीरता से लेते हुए जन भावनाओं को कद्भ करते हुए जमशेदपुर आने का निर्णय लिया और जमशेदपुर गोपाल मैदान पहुंचकर सभा को संबोधित किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंपाई सोरेन के करुणामय आग्रह पर दिल्ली की बजाय जमशेदपुर का दौरा किया, जो कि एक अप्रत्याशित निर्णय था। इस बदलाव के पीछे की वजह चंपाई सोरेन के करुणामय के आग्रह सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है।चंपाई की करुणा, जो कि एक सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नेता हैं, ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि वे दिल्ली की बजाय जमशेदपुर आएं। उनका मानना था कि इस समय जमशेदपुर में प्रधानमंत्री की उपस्थिति से स्थानीय मुद्दों को जल्दी और प्रभावी ढंग से जनमानस पर असर डाल सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने चंपाई की करुणा की इस अपील को गंभीरता से लिया और जमशेदपुर के दौरे का निर्णय लिया। इस दौरे के दौरान, उन्होंने स्थानीय समस्याओं पर ध्यान दिया, जनसमूह से संवाद किया और विभिन्न विकास योजनाओं की ओर इशारा किया। यह निर्णय न केवल चंपाई की करुणा के आग्रह के प्रति सम्मान प्रकट करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रधानमंत्री ने स्थानीय जरूरतों को प्राथमिकता देने का महत्व समझा। इस प्रकार, नरेंद्र मोदी का जमशेदपुर का दौरा एक महत्वपूर्ण रणनीतिक और संवेदनशील कदम था, जो कि स्थानीय जनहित के लिए उनके समर्पण को और जन -भावनाओं की कद्र को प्राथमिकता देता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जमशेदपुर आने से पार्टी कार्यकर्ताओं में, नई उमंग, जोश और लहर देखा जा रहा है। जो आने वाले चुनाव में एक अहम भूमिका होगा।